प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
रिटायरमेंट फंड मैनेज करने वाली संस्था कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब नौकरी बदलते समय आने वाले वीकेंड, छुट्टियां और 60 दिन तक का गैप सर्विस में ब्रेक नहीं गिना जाएगा। यह नियम कर्मचारी जमा लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) स्कीम के तहत फायदे तय करने में लागू होगा।
इस घोषणा से उन मामलों में राहत मिलेगी जहां कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिवार के क्लेम या तो रिजेक्ट हो जाते थे या कम रकम मिलती थी। वजह थी नौकरी के इतिहास में छोटे-छोटे ब्रेक। EPFO ने 17 दिसंबर के एक सर्कुलर में यह साफ किया है।
EPFO ने देखा कि कई EDLI क्लेम इसलिए खारिज कर दिए जाते थे क्योंकि अधिकारी दो नौकरियों के बीच वीकेंड या छुट्टियों को सर्विस ब्रेक मान लेते थे। कई बार तो कर्मचारी की मौत के समय वह पूरी तरह काम पर था, फिर भी उसके परिवार को इंश्योरेंस का फायदा नहीं मिलता था।
एक उदाहरण दिया गया है: मान लीजिए कोई कर्मचारी शुक्रवार को एक कंपनी से इस्तीफा देता है और सोमवार को नई कंपनी जॉइन कर लेता है। कुल मिलाकर उसने 12 महीने से ज्यादा सर्विस की होती है, लेकिन बीच का वीकेंड ब्रेक मान लिया जाता था। नतीजा यह कि परिवार को EDLI का फायदा नहीं मिलता।
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ऐसी गलतियां दूर करने के लिए EPFO ने साफ कर दिया कि कुछ गैप को लगातार सर्विस का हिस्सा माना जाएगा। सर्कुलर के मुताबिक:
यानी छोटे और मजबूरी वाले ब्रेक अब परिवार को इंश्योरेंस फायदे से वंचित नहीं करेंगे।
EPFO ने EDLI के तहत न्यूनतम पेआउट को भी 50,000 रुपये कर दिया है। यह रकम परिवार वालों या कानूनी वारिसों को मिलेगी। खास बात यह कि यह फायदा तब भी मिलेगा जब कर्मचारी ने लगातार 12 महीने की सर्विस पूरी नहीं की हो।
इसके अलावा, अगर कर्मचारी का औसत PF बैलेंस 50,000 रुपये से कम हो, तब भी पूरी न्यूनतम रकम दी जाएगी।
नए नियमों के अनुसार, अगर कर्मचारी की मौत आखिरी PF कंट्रीब्यूशन के छह महीने के अंदर होती है और वह कंपनी के रोल पर अभी भी दर्ज है, तो न्यूनतम EDLI फायदा मिलेगा।
नौकरीपेशा लोगों और उनके परिवारों के लिए यह बदलाव काफी राहत भरा है। अब छोटी-मोटी तकनीकी दिक्कतों से फायदा छिनने का डर कम हो जाएगा। खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो बार-बार नौकरी बदलते हैं, PF से जुड़ा इंश्योरेंस कवर ज्यादा सुरक्षित हो गया है।