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मोबाइल पर बिना इंटरनेट TV: तेजस नेटवर्क्स की D2M तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी

कंपनी प्रसार भारती के साथ मिलकर इस सेवा को व्यावसायिक रूप से बाजार में भी उतारने की योजना बना रही है

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गुलवीन औलख   
Last Updated- December 19, 2025 | 10:16 PM IST

देश की दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी तेजस नेटवर्क्स अपनी डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) तकनीक के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, जिसे उसने खुद ही तैयार किया है। कंपनी प्रसार भारती के साथ मिलकर इस सेवा को व्यावसायिक रूप से बाजार में भी उतारने की योजना बना रही है। कंपनी के सह-संस्थापक, कार्यकारी निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी अर्णव रॉय ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ एक विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।

टाटा समूह समर्थित कंपनी के प्रमुख रॉय ने कहा, ‘प्रसार भारती के साथ काफी समय से एक शहर में प्रायोगिक परीक्षण बहुत सफलतापूर्वक चल रहा है और इसका विस्तार अन्य स्थानों पर भी होने जा रहा है। सरकार, प्रसार भारती और अन्य नियामक इस तकनीक को शुरू करने की रणनीति तय करने के लिए काम कर रहे हैं।’

बीएसई में सूचीबद्ध बेंगलूरु की इस कंपनी की सहायक कंपनी सांख्य लैब्स ने आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी कर एक ऐसी तकनीक (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) तैयार की है जो जमीनी टीवी प्रसारण तरंगों का उपयोग करके इंटरनेट कनेक्शन के बिना लाइव टीवी, वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट सामग्री सहित आपातकालीन अलर्ट को सीधे मोबाइल फोन पर प्रसारित करने में मददगार साबित होती है।

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कंपनी ने इस साल की शुरुआत में इंटेल के साथ लैपटॉप में भी यही क्षमता तैयार करने के लिए उसके चिप का उपयोग करने के लिए समझौता किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत तैयार की जा रही डी2एम सेवाओं का उद्देश्य ग्रामीण या दूरदराज के क्षेत्रों के लिए इसकी सेवाएं देना है। अगले साल के अंत तक व्यावसायिक लॉन्च के साथ वर्ष 2026 में इसके शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल सभी हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा जारी है।

रॉय ने कहा, ‘इसका एक हिस्सा इस नेटवर्क को लगाने के लिए सरकार और प्रसार भारती द्वारा किया जाने वाला निवेश होगा। वैश्विक स्तर पर, हम अन्य क्षेत्रों में कुछ परिचालकों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिनकी इस तकनीक में दिलचस्पी है लेकिन इससे जुड़ी वार्ता वास्तव में इस तकनीक को समझने और इससे मिलने वाले फायदे के शुरुआती चरण में है।’

स्थानीय रूप से बने सुरक्षित दूरसंचार नेटवर्क उपकरणों के आपूर्तिकर्ता के रूप में टाटा समूह की कंपनियों के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण, तेजस ने कई अरब डॉलर का राजस्व कमाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए इसके राजस्व का कम से कम आधा हिस्सा तीन से पांच वर्षों में वैश्विक बाजारों से मिलना होगा, जो कि लगभग 20 फीसदी है। कंपनी का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2025 में 1 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

मेक्सिको द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए शुल्कों पर कंपनी की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर रॉय ने कहा कि कंपनी, प्रभाव का मूल्यांकन कर रही है। यह देश में वायरलाइन उत्पादों का निर्यात करती है, जो उसके अंतरराष्ट्रीय कारोबार का एक हिस्सा है। कंपनी को दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद है।

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उन्होंने कहा, ‘हम समूह के रणनीतिक भविष्य का हिस्सा हैं और समूह (कंपनियों) के बाकी हिस्सों के साथ साझेदारी बहुत महत्त्वपूर्ण होने जा रही है।’ उन्होंने टीसीएस के साथ अपनी साझेदारी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक महत्त्व मिलने की संभावना है। टीसीएस और तेजस भारत संचार निगम लिमिटेड की 4जी सेवाओं के लिए भागीदार हैं, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी,तेजस उपकरण को लगभग 100,000 टावरों पर लगा रही है।

कंपनी ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा केंद्रों की रूपरेखा भी तैयार की है। कंपनी उन परिचालकों को उपकरण की आपूर्ति करती है जो माइक्रोसॉफ्ट, एडब्ल्यूएस या गूगल जैसे हाइपरस्केलर से जुड़े हैं जिन्हें डेटा केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी के लिए डेटा सेंटर इंटरकनेक्ट कहा जाता है।

First Published : December 19, 2025 | 10:16 PM IST