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भारती एयरटेल के मुख्य प्राद्यौगिकी अधिकारी रणदीप सेखों ने गुलवीन औलख के साथ बातचीत में कहा कि नेटवर्क में एआई को शामिल करने से लागत में कमी आई है और दक्षता बढ़ी है। इसका क्रियान्वयन पूंजीगत व्यय, परिचालनगत व्यय कारोबारी वृद्धि पर सकारात्मक असर डाल रहा है और बदले में कारोबार बढ़ रहा है, वहीं एआई का रियल-टाइम इस्तेमाल कंपनी को केवाईसी संबंधी धोखाधड़ी रोकने में मदद कर रहा है। केवाईसी अब तुरंत किए जा रहे हैं। मुख्य अंशः
एआई समेत नेटवर्क में हम जो कुछ भी करते हैं, वह अनुभव, वृद्धि या लागत को प्रभावित करता है। हमने यह ऊर्जा परियोजना चार साल पहले शुरू की थी, जहां हम सेल स्तर पर क्षमता का रूल-बेस्ड (निश्चित समय पर) समापन किया करते थे। अब हमने एआई के साथ रियल-टाइम क्षमता प्रबंधन काफी तेजी से शुरू कर दिया है और उपयोगकर्ता अनुभव पर बिना किसी असर के परिचालनतगत व्यय में 2 से 2.5 गुना तक की बचत हुई है।
पूंजीगत व्यय की बात करें, तो पहला है क्षमता योजना, नई मॉडलिंग के साथ आप क्षमता का ज्यादा सटीक अनुमान लगा सकते हैं, नहीं तो कुछ जगहें ऐसी होंगी जहां आपकी क्षमता का जरूरत से ज्यादा उपयोग होगा और कुछ जगहें ऐसी होंगी जहां इसका जरूरत से कम उपयोग होगा। दूसरा है ग्रामीण क्षेत्र को टटोलने वाला कार्यक्रम, जहां पहले नया भौतिक स्थल स्थापित करना ह्यूमन-सर्वे पर आधारित होता था, लेकिन अब आप कई स्रोतों का इस्तेमाल करके बहुत सटीक मॉडल बना सकते हैं, जिसमें गैर-दूरसंचार डेटा सोर्स भी शामिल हैं। तीसरा है 5जी स्थल का इस्तेमाल। तीन साल पहले 5जी उपकरणों की संख्या और हाई डेटा इस्तेमाल मानक था। आज हमने उस मॉडल को अन्य कारक जोड़कर बेहतर बनाया है ताकि यह देखा जा सके कि 5जी का इस्तेमाल कहां बेहतर होगा और चूंकि 5जी एफडब्ल्यूए (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है, बदलाव करने वाले उपयोगकर्ताओं को बढ़ावा दे रहा, इसलिए पूंजीगत व्यय इस्तेमाल बेहतर है, जो वृद्धि में भी मदद करता है।
हमें क्षमता का आकलन करना होगा। एआई के दो प्रकार के उपयोग हैं। पहला, खोज के विकल्प के रूप में, जो खोज में उपयोग किए गए डेटा से अधिक डेटा का उपयोग नहीं करता है। दूसरा ऐसे उपयोग के मामले जहां यूआई, यूएक्स में बदलाव आएगा। उदाहरण के लिए एआई ग्लासेस में आप एआई एजेंट से बात करेंगे और वह आपको बताएगा कि आप क्या देख रहे हैं। भविष्य में, भुगतान से संबंधित एक उपयोग का मामला अवश्य सामने आएगा।
स्पेक्ट्रम से जुड़े कई पहलू रणनीतिक होते हैं। आप स्पेक्ट्रम प्राप्त करना चाहते हैं। इसलिए आप ऐसा स्पेक्ट्रम खरीदते हैं जिसकी आपको आज जरूरत नहीं लगती है मगर अगले तीन से पांच वर्षों में आवश्यकता होगी, क्योंकि यह 20 वर्षों के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
क्या नॉन-स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर (एनएसए) से स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर (एस) में बदलाव को तेजी से किया जा रहा है?
इन सबको तेज करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। लेकिन हम आगे बढ़ गए हैं, हमने अपने एफडब्ल्यूए (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) वाले ग्राहकों को एसए पर स्थानांतरित कर दिया है। हम सबसे पहले पूरे भारत में पूरी तरह से एसए के लिए तैयार हैं। इसीलिए पूरे भारत में सभी एफडब्ल्यूए अब धीरे-धीरे इस पर आ रहे हैं। मोबाइल हम शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। हम यह देखने वाले चरण में हैं कि हम क्या कर सकते हैं। लेकिन हमें कोई बड़ा फायदा नहीं दिख रहा है। अगर कल मेरा मोबाइल यूजर एसए पर जाता है, तो हम एस और एनएसए दोनों को ही डुअल-मोड में चलाएंगे।