Top-10 Flexi Cap Funds: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच फ्लेक्सी कैप फंड एक बार फिर से निवेशकों के रडार पर आ गए है। इन फंड्स ने लॉन्ग टर्म में निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी दिया है। ICRA एनालिटिक्स ने पिछले 5 वर्षों के रिटर्न के आधार पर टॉप-10 फ्लेक्सी कैप फंड्स की एक लिस्ट जारी की है। इस कैटेगरी की सबसे बेहतर स्कीम Quant Flexi Cap Fund ने बीते 5 साल में 33.54% रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले इस फंड में ₹1 लाख का एकमुश्त निवेश किया होता तो आज उसके फंड की वैल्यू ₹4.25 लाख होती। इन टॉप-10 फंड्स ने औसतन 5 वर्षों में 23.40% का CAGR रिटर्न दिया है।
ICRA एनालिटिक्स के मुताबिक, डाइवर्सिफिकेशन और फ्लेक्सिबल एसेट एलोकेशन की बढ़ती मांग की वजह से निवेशकों की रुचि इस कैटेगरी में तेजी से बढ़ी है। इसके चलते फ्लेक्सी कैप फंड्स का नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले चार वर्षों में 175% से ज्यादा बढ़कर मई 2025 में ₹4.71 लाख करोड़ हो गया है, जो मई 2021 में ₹1.71 लाख करोड़ था।
इन फंड्स में इनफ्लो भी करीब 240% उछलकर मई 2021 के ₹1,130.48 करोड़ से बढ़कर मई 2025 में ₹3,841.32 करोड़ पहुंच गया।
Scheme Name | 1-Year (%) | 3-Year (%) | 5-Year (%) |
---|---|---|---|
Quant Flexi Cap Fund | -4.28 | 20.76 | 33.54 |
HDFC Flexi Cap Fund | 14.98 | 24.95 | 31.22 |
JM Flexi Cap Fund | 1.98 | 25.75 | 28.16 |
Franklin India Flexi Cap | 11.00 | 21.29 | 27.95 |
Parag Parikh Flexi Cap | 14.70 | 20.95 | 26.81 |
HSBC Flexi Cap Fund | 10.50 | 20.73 | 25.23 |
Invesco India Flexi Cap | 14.84 | 23.93 | — |
Bank of India Flexi Cap | 1.84 | 23.29 | — |
Motilal Oswal Flexi Cap | 19.34 | 24.60 | 22.97 |
ICICI Prudential Flexi Cap | 10.57 | 20.23 | — |
(Source: ICRA Analytics)
पिछले पांच साल के प्रदर्शन के आधार पर देखें तो, इस कैटेगरी की सबसे बेहतर स्कीम क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड (Quant Flexi Cap Fund) है। इस फंड ने निवेशकों को बीते पांच साल में 33.54% का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले इस फंड में ₹1 लाख का एकमुश्त निवेश किया होता तो आज उसके फंड की वैल्यू ₹4.25 लाख होती। पांच साल में सबसे कम रिटर्न मोतीलाल ओसवाल फ्लेक्सी कैप फंड ने दिया है। इस फंड ने 22.97% का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले इस फंड में ₹1 लाख का एकमुश्त निवेश किया होता तो आज उसके फंड की वैल्यू ₹2.81 लाख होती।
ICRA एनालिटिक्स में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मार्केट डेटा के प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, “लार्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में लचीलापन के साथ निवेश करने की सुविधा फंड मैनेजर्स को बाजार की स्थितियों के अनुसार रणनीति बदलने में मदद करती है, जिससे ये फंड्स अनिश्चित परिस्थितियों में भी आकर्षक विकल्प बन जाते हैं। शानदार रिटर्न भी निवेशकों को इस कैटेगरी की ओर आकर्षित करने वाला एक बड़ा कारण है।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, मल्टी-कैप फंड्स के उलट, फ्लेक्सी-कैप फंड्स में एसेट एलोकेशन को जरूरत के मुताबिक बदला जा सकता है, जिससे बेहतर अल्फा जेनरेट करने और जोखिम को मैनेज करने में मदद मिलती है।”
हालांकि ये फंड्स निवेशकों को लचीलापन प्रदान करते हैं क्योंकि फंड मैनेजर लार्ज, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स के बीच निवेश का अनुपात बदल सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि इन फंड्स का प्रदर्शन काफी हद तक फंड मैनेजर की कौशल और टाइमिंग पर निर्भर करता है।
कुमार ने कहा, “निवेशकों को हमेशा यह पता नहीं होता कि फंड इस समय किन मार्केट कैप में कितना निवेश कर रहा है, जिससे जोखिम का स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर फंड मैनेजर मार्केट साइकल का गलत अनुमान लगाते हैं, तो फंड में लचीलापन होने के बावजूद रिटर्न कमजोर हो सकता है। एक और अहम बात यह है कि कैटेगरी-स्पेसिफिक फंड्स की तुलना में फ्लेक्सी-कैप फंड्स किसी एक खास सेगमेंट की तेज ग्रोथ का पूरा फायदा नहीं उठा पाते हैं।”
Also read: Corporate bond funds: कम जोखिम, बेहतर रिटर्न; लेकिन निवेश से पहले इन दो बातों पर जरूर दें ध्यान
ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितताओं के बीच रिटेल निवेशक अब भी इक्विटी म्युचुअल फंड्स का समर्थन कर रहे हैं। AMFI के आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीमों के एवरेज AUM में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 44.96% हो गई, जो अप्रैल 2025 में 44.87% थी।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) योगदान में भी मजबूत वृद्धि देखी गई। सालाना आधार पर मई 2025 में कुल एक्टिव SIP खातों की संख्या 3% बढ़कर 905.57 लाख हो गई, जो मई 2024 में 875.89 लाख थी। इसी अवधि में SIP के जरिए निवेश में 28% की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह मई 2024 के ₹20,904 करोड़ से बढ़कर मई 2025 में ₹26,688 करोड़ हो गया।
मई 2025 में SIP से जुड़ा एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) सालाना आधार पर 27% और मासिक आधार पर 5% बढ़ा है, जो यह संकेत देता है कि रिटेल निवेशकों की इसमें लगातार मजबूत रुचि बनी हुई है।
कुमार ने कहा, “म्युचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मई 2025 में ₹72.19 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। मौजूदा रफ्तार, खासकर रिटेल निवेशकों की ओर से मिल रहे मजबूत समर्थन को देखते हुए, हमें उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में यह उद्योग ₹100 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगा।”