NFO Alert: टाटा एसेट मैनेजमेंट ने आज टाटा निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड लॉन्च (Tata Nifty Midcap 150 Index Fund) किया। यह एक नया पैसिव फंड है, जो निवेशकों को देश की मिडसाइज कंपनियों में निवेश का अवसर देगा, जिनमें देश की जीडीपी से तेजी से बढ़ने की संभावना हो सकती है। यह न्यू फंड ऑफर (NFO) सब्सक्रिप्शन के लिए 2 जून 2025 से खुल गया है। निवेशक टाटा के इस पैसिव फंड में 16 जून 2025 तक पैसा लगा सकते हैं।
टाटा निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड एक ओपन- एंडेड इक्विटी मिडकैप फंड है। इस फंड को NIFTY Midcap 150 TRI इंडेक्स को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस फंड में मिनिमम ₹5,000 से निवेश शुरू किया जा सकता है और इसके बाद ₹1 के मल्टीपल में आगे निवेश किया जा सकता है। कपिल मेनन और राकेश प्रजापति इस स्कीम के फंड मैनेजर हैं। इस स्कीम में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। हालांकि 15 दिनों के भीतर पैसा निकालने पर 0.25% का एग्जिट लोड देना होगा। रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को ज्यादा जोखिम (very high risk) की कैटिगरी में रखा गया है।
टाटा का यह न्यू फंड ऑफर (NFO) निवेश का मकसद हासिल करने के लिए पैसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी अपनाएगी। फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम अपने बेंचमार्क इंडेक्स (Nifty Midcap 150 index) के प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगी। इससे जोखिम कम होगा और एक अनुशासित व कम लागत वाली निवेश रणनीति का लाभ उठाया जा सकता हैं। ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो मिडकैप शेयरों ने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के तहत लार्जकैप और स्मॉलकैप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले 20 वर्षों में मिडकैप ने क्रमशः लगभग 4% और 2% का अतिरिक्त वार्षिक कंपाउंड रिटर्न (CAGR) दिया है।
स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, इस फंड का ज्यादातर हिस्सा, यानी 95% से 100% तक की राशि, निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में लगाई जाएगी। इन निवेशों में जोखिम बहुत ज्यादा होता है। बाकी की 0% से 5% तक की राशि को डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया जा सकता है, जैसे कि ट्रेजरी बिल्स या म्युचुअल फंड की अन्य योजनाएं। इस हिस्से में जोखिम कम होता है।
उपकरण (Instruments) | न्यूनतम (%) | अधिकतम (%) |
---|---|---|
निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में | 95% | 100% |
डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में (जिनमें म्युचुअल फंड्स की यूनिट्स भी शामिल है) | 0% | 5% |
टाटा म्युचुअल फंड का यह पैसिव फंड उन लंबी-अवधि के निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है जो भारत की बदलती आर्थिक स्थिति से लाभ उठाना चाहते हैं। यह खास तौर पर ऐसे निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो कम लागत और नियम-आधारित निवेश को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही, जो ब्लू-चिप शेयरों से आगे जाकर अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाना चाहते हैं। यह फंड उन SIP निवेशकों के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो 5 से 10 साल की अवधि में चक्रवृद्धि रिटर्न की उम्मीद रखते हैं।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन ने कहा, “मिडकैप सेगमेंट भारत की विकास यात्रा की अगली सीमाओं का प्रतिनिधित्व करता है। टाटा निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड के जरिए निवेशक उन संभावित ग्रोथ सेक्टर्स और कंपनियों तक पहुंच बना सकते हैं, जो भारत के अगले आर्थिक विस्तार चरण में अहम भूमिका निभाएंगी।” उन्होंने आगे कहा, “यह फंड ऐसे लंबी-अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो ग्रोथ और डाइवर्सिफिकेशन का मेल चाहते हैं और जो पैसिव निवेश के अनुशासन को अपनाते हुए निवेश करना पसंद करते हैं।”
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हाल ही में बाजार में आई उठापटक के कारण मिडकैप शेयरों में सुधार देखा गया है, लेकिन लंबी अवधि में इनकी लार्जकैप शेयरों की तुलना में बेहतर परफॉर्मेंस यह दर्शाती है कि निवेशकों का इस सेगमेंट पर भरोसा बना हुआ है। निफ्टी मिडकैप 150 TRI इंडेक्स ने 1 साल की रोलिंग अवधि में 21.89% रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 TRI ने इसी अवधि में 16.37% का रिटर्न दिया। वहीं, 3 साल की रोलिंग अवधि में मिडकैप ने 15.8% का रिटर्न दिया है, जबकि लार्जकैप ने 12.38% का रिटर्न हासिल किया।
निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स में 20 सेक्टर्स और 74 बेसिक इंडस्ट्रीज की कंपनियां शामिल हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, “ध्यान देने वाली बात यह है कि मिडकैप सेगमेंट में 39 ऐसी इंडस्ट्रीज हैं जो लार्जकैप सेगमेंट में मौजूद नहीं हैं, और यही इंडस्ट्रीज इंडेक्स के कुल वेटेज में 40% से ज्यादा का योगदान देती हैं। यह दिखाता है कि मिडकैप सेगमेंट किस तरह से एक अनोखा डाइवर्सिफिकेशन का लाभ देता है।” पिछले पांच वर्षों में मिडकैप सेगमेंट की 17 कंपनियों ने लार्जकैप में प्रवेश किया है, जो इस सेगमेंट की वेल्थ क्रिएशन की क्षमता को दर्शाता है।
(स्रोत: एनएसई, ICRA-MFI / डेटा अवधि: 1 अप्रैल 2005 से 30 अप्रैल 2025)
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)