बिहार में नामांकन के बाद उभरी तस्वीर से इंडिया गठबंधन का चुनाव अभियान गड़बड़ा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले इस महागठबंधन में शामिल दलों के नेता कम से कम आठ सीटों पर एक-दूसरे के मुकाबले मैदान में ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस इससे बेहद असहज है। उसके वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पटना में इस संबंध में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात कर आपसी तनाव की स्थिति से बचने पर चर्चा की।
पड़ोसी राज्य झारखंड में इंडिया गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) बिहार में पहले ही महागठबंधन से बाहर निकल गया है, क्योंकि राजद ने उसके लिए कोई भी सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था।
पटना पहुंचने के बाद गहलोत ने कहा कि पांच या दस सीटों पर दोस्ताना लड़ाई कोई बड़ी बात नहीं है। प्रसाद से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि दोस्ताना लड़ाई को लेकर भ्रम गुरुवार को नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख तक दूर हो जाएगा। हालांकि, ‘महागठबंधन’ के घटकों के बीच दोस्ताना लड़ाई वाली सीटों में से पांच पर पहले चरण में मतदान होगा। इसके लिए नामांकन वापस लेने की समय सीमा सोमवार को समाप्त हो गई।
नरकटियागंज, वैशाली, राजापाकर, रोसेरा, बछवाड़ा, कहलगांव, बिहारशरीफ और सिकंदरा ऐसी सीटें हैं, जहां विपक्षी गठबंधन के दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और राजद ने 143 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। सीपीआई 9 जबकि सीपीआई (एम) चार निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही हैं।
वर्ष 2020 में 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 अपने खाते में कर ‘महागठबंधन’ में सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट देने वाली सीपीआई (एमएल) ने इस बार 20 विधान सभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं। मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राजद ने गठबंधन की प्रमुख पार्टी के नाते स्वयं को बिहार की अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने की हकदार बताया है। साथ सहयोगी दलों से अपने उम्मीदवार वापस लेने का आग्रह किया है।
राजद के लालू प्रसाद से मिलने के बाद गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र में हार के बाद विपक्ष के गठबंधन के लिए बिहार जीतना बेहद महत्त्वपूर्ण है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी राजद के तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करेगी, तो गहलोत ने कहा, ‘आप मुझसे ऐसी घोषणा क्यों करवाना चाहते हैं?’
गहलोत ने कहा, ‘आपने राहुल और तेजस्वी के बीच वोटर अधिकार यात्रा के दौरान केमिस्ट्री देखी है। दो महीने पहले ही दोनों नेताओं ने राज्य भर में यात्रा की थी। सरकार के नेतृत्वकर्ता के बारे में उचित समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा।’ उन्होंने दावा किया कि वास्तव में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में इस समय उथल-पुथल की स्थिति हमारे गठबंधन की तुलना में कहीं अधिक है। लेकिन मीडिया उसे उजागर नहीं करता है।
मालूम हो कि बिहार की 243 विधान सभा सीटों के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा और 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। ‘महागठबंधन’ को एक और झटका देते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को राजद की श्वेता सुमन का मोहनिया विधान सभा सीट से नामांकन रद्द कर दिया। यह कदम उस समय उठाया गया जब आयोग को इस बारे में पता चला कि वह उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कैमूर जिले में मोहनिया अनुसूचित जातियों के लिए सीमांकित एक सीट है और दूसरे राज्य के मूल निवासी आरक्षित सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह नियम सामान्य सीटों पर लागू नहीं होता है। सुमन ने आरोप लगाया कि उनका नामांकन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दबाव के कारण चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से बिहार में रह रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मतदान अधिकारियों के रवैये के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगी।’
(साथ में एजेंसियां)