अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता के बीच शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव के बीच म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं ने अगस्त में शुद्ध रूप से 38,239 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। यह इससे एक महीने पहले के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा है।
इस निवेश को न्यू फंड ऑफर (NFO) के मजबूत संग्रह और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये हुए निवेश में बढ़ोतरी से सहारा मिला। अगस्त का आंकड़ा किसी कैलेंडर माह का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले जून 2024 में फंडों को 40,608 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ था।
शुरुआती हफ्ते के दौरान तेज गिरावट के बावजूद अगस्त में इक्विटी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक संकेतों पर चलते हुए निफ्टी-50 पहले चार कारोबारी सत्रों में करीब 4 फीसदी टूट गया था, लेकिन महीने के दूसरे हिस्से में उसने मजबूती के साथ वापसी की और 1.1 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अगस्त के शुरुआती हिस्से में बाजारों में गिरावट ने निवेशकों को खरीदारी का अच्छा मौका दिया। इक्विटी की विभिन्न श्रेणियों में शुद्ध निवेश के आंकड़ों से यह जाहिर होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक बाजार की चाल का इक्विटी फंडों में आने वाले निवेश पर ज्यादा असर नहीं पड़ा क्योंकि इसे एसआईपी के जरिये ज्यादा निवेश मिला। पिछले महीने एसआईपी के जरिये निवेश मासिक आधार पर करीब एक फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 23,547 करोड़ रुपये के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
लोकप्रिय श्रेणियों में पेश एनएफओ भी एक कारण रहे। पिछले महीने छह एनएफओ आए और उन्होंने कुल संग्रह 11,067 करोड़ रुपये किया। इनमें से पांच एनएफओ सेक्टोरल व थीमेटिक क्षेत्र में थे, जिन्हें कुल संग्रह का 92 फीसदी से ज्यादा मिला।
कोटक महिंद्रा एएमसी के प्रमुख (बिक्री, विपणन और डिजिटल कारोबार) मनीष मेहता ने कहा कि एसआईपी और एनएफओ के जरिये निवेश के साथ शुद्ध निवेश उत्साहजनक बना हुआ है।
योजनाओं की सेक्टोरल व थीमेटिक श्रेमियों में एनएफओ के कारण मजबूत निवेश मिला। ऐसा लगता है कि म्युचुअल फंडों में एकमुश्त निवेश के लिए लोगों ने एनएफओ को तरजीह दी है क्योंकि योजनाओं के पास एक तय अवधि में निवेश करने का लचीलापन होता है।
इक्विटी म्युचुअल फंडों की योजनाओं को इस वित्त वर्ष में अब तक करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 में हुए कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये के संग्रह का 92 फीसदी है। भारी निवेश और इक्विटी बाजार में तेजी से इक्विटी योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में तीव्र वृद्धि हुई है।
पांच महीने में 28 फीसदी की बढ़त के साथ एयूएम अगस्त में पहली बार 30 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उद्योग की तरफ से प्रबंधित कुल एयूएम में इक्विटी फंडों की एयूएम 4 5 फीसदी है। कुल एयूएम में हालांकि 3 फीसदी का इजाफा हुआ क्योंकि डेट, पैसिव और हाइब्रिड श्रेणियों में मजबूत निवेश आया।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि उद्योग की परिसंपत्तियां नई ऊंचाई पर पहुंच गईं और अगस्त 2024 के आखिर में परिसंपत्ति आधार 66.7 लाख करोड़ रुपये रहा। सकारात्मक निवेश और फोलियो यानी खातों की संख्या 20 करोड़ के पार जाने से निवेशकों के भरोसे का पता चलता है और यह म्युचुअल फंडों में निवेश को प्रमुख माध्यम मानने की उनकी ललक बताता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि म्युचुअल फंडों में स्थिर निवेश बाजारों के लिए अहम चालक के तौर पर बरकरार रहेगा।श्रीराम एएमसी के वरिष्ठ फंड प्रबंधक दीपक रामराजू ने कहा कि एम्फी के आंकड़े बताते हैं कि वैश्विक अनिश्चितता व उतारचढ़ाव के बावजूद देसी निवेश मजबूत बना हुआ है और यह बाजारों को आगे ले जाता रहेगा। कीमतें बढ़ने के बावजूद मांग में मजबूती बनी हुई है।