निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स गुरुवार को गिरावट वाले क्षेत्र में प्रवेश कर गए जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स इसके और करीब पहुंच गया। निफ्टी-50, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 17 जनवरी को साल 2022 के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचे थे, जो क्रमश: 18,308, 32,041 और 11,981 था। निफ्टी-50 ने गुरुवार को कारोबारी सत्र में 16,867 का निचला स्तर बनाया, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 गिरकर 28,954 पर आ गया और निफ्टी स्मॉलकैप 100 टूटकर 10,793 पर आ गया।
इन्वेस्टोपीडिया के मुताबिक, हालिया उच्चस्तर से किसी प्रतिभूति की कीमत में 10 फीसदी या उससे ज्यादा की नरमी को गिरावट माना जाता है। थोड़े सुधार से पहले मिडकैप व स्मॉलकैप इंडेक्स साल 2022 के अपने कारोबारी सत्र के सर्वोच्च स्तर से 10 फीसदी नीचे आए। निफ्टी साल 2022 के अपने सर्वोच्च स्तर से 8 फीसदी टूट चुका है। अभी यह साल के सबसे ऊंचे स्तर से 6.5 फीसदी नीचे है। अगर मंदी का रुख जारी रहा तो यह इंडेक्स के लिए पहला मौका होगा जब वह मार्च 2020 के बाद गिरावट वाले जोन में होगा।
अप्रैल 2020 के बाद निफ्टी में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई है। 30 अप्रैल 2020 से 19 मई 2020 के बीच यह इंडेक्स गिरावट के जोन में करीब-करीब प्रवेश कर गया था। हालांकि गिरावट दो अंकों में पहुंचने से पहले इसने तेजी से रिकवर किया। तब से यह इंडेक्स 5 से 7 फीसदी के बीच ही टूटा है।
अक्टूबर 2020 के सर्वोच्च स्तर से निफ्टी, मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांक अभी 10 फीसदी से ज्यादा नीचे हैं। हालांकि इस बीच सूचकांकों में तेज सुधार दिखा है और इस अध्ययन में हमने तीव्र सुधार के बिना लगातार हुई गिरावट पर नजर डाली है।
कुछ एशियाई समकक्षों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन अभी भी बेहतर है। कई एशियाई देशों मसलन चीन और दक्षिण कोरिया मंदी के बाजार में प्रवेश कर गए, यानी वहां 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट हई, वहीं ऑस्ट्रेलिया गिरावट वाले क्षेत्र में पहुंचा है। एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स हालिया उच्चस्तर से करीब 17 फीसदी नीचे है।
बिकवाली के हालिया दौर महंगाई पर लगाम के लिए फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले से पैदा हुए अवरोध के कारण देखने को मिला। फेड की तरफ से दरों में तीव्र बढ़ोतरी की संभावना ने बॉन्ड प्रतिफल को आगे धकेल दिया। इससे निवेशक जोखिम वाली परिसंपत्तियां बेचने के लिए प्रोत्साहित हुए। वैश्विक संकेतों के अलावा क्या हमारे बाजार गिरावट वाले क्षेत्र में प्रवेश के मामले में एशियाई देशों की राह पर चलेंगे, यह आम बजट पर निर्भर करेगा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, फेड के नतीजे आ चुके हैं, ऐसे में अब देसी निवेशक आगामी नतीजों पर नजर रखेंगे। अल्पावधि की बाजार की दिशा आम बजट से तय होगी। तकनीकी तौर पर निफ्टी पिछले दिन के सपोर्ट पर बने रहने में कामयाब रहा और निचले स्तर से उसमें रिकवरी हुई। अब इस इंडेक्स को 17,000 का अहम स्तर बनाए रखना है ताकि मंदी के रुख पर लगाम लगे। तकनीकी विश्लेषकों ने कहा कि निफ्टी गुरुवार को 16,900 पर दोबारा पहुंचने में कामयाब रहा। यह बाजार के लिए अहम समर्थन बन गया।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी खुदरा शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, निफ्टी ने दोहरा निचला स्तर बनाया है, जो बताता है कि मौजूदा स्तर से मजबूूती के साथ सुधार मुमकिन है। इंडेक्स ने लगातार 16,900 के आसपास सपोर्ट लिया है और रफ्तार के संकेत भी मौजूदा स्तर से बढ़त का समर्थन कर रहे हैं। ट्रेडरों के लिए 17,000 और 16,900 अहम सपोर्ट लेवल हैं और इसके ऊपर तेजी से इंडेक्स 17,250 से 17,350 के स्तर तक जा सकता है।
