बैंकिंग शेयरों में मजबूत बढ़त और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार खरीदारी से बुधवार को भारतीय शेयर बाजार शुरुआती गिरावट से उबरकर मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। शुरू में 191 अंक गिरने के बाद सेंसेक्स संभलने में कामयाब रहा और आखिर में 309 अंक या 0.4 फीसदी की तेजी के साथ 77,044 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 सूचकांक भी बढ़त के साथ बंद हुआ। यह सूचकांक 109 अंक या 0.5 फीसदी तेजी के साथ 23,437 पर बंद हुआ।
पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4.3 फीसदी की बढ़त दर्ज कर चुका है जबकि निफ्टी में 4.6 फीसदी की तेजी आई है। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.7 लाख करोड़ रुपये बढ़कर बुधवार को 415 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कुल बाजार पूंजीकरण पिछले तीन कारोबारी सत्रों में 21.2 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा है।
भारतीय इक्विटी में तेजी को जवाबी शुल्क कुछ समय के लिए रोकने और मॉनसून औसत से अच्छा रहने से मदद मिली है। बुधवार को, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 3,936 करोड़ रुपये की खरीदारी की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक 2,513 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे। पिछले तीन कारोबारी सत्रों के दौरान बाजार में आई तेजी के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी ऐसे प्रमुख इक्विटी सूचकांक बन गए हैं जिन्होंने इस महीने के शुरू में ट्रंप के जवाबी शुल्कों की वजह से हुए नुकसान की पूरी तरह भरपाई कर ली है।
तीन दिन की यह तेजी ट्रंप द्वारा व्यापार वार्ता में शामिल देशों के लिए अतिरिक्त शुल्क पर 90 दिन की रोक की घोषणा के बाद आई जबकि 10 प्रतिशत बेसलाइन आयात शुल्क को बरकरार रखा गया है। स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को भी छूट दी गई है।
सेंसेक्स की ज्यादातर तेजी में ऐक्सिस बैंक (4.3 फीसदी तक की बढ़त), एचडीएफसी बैंक (0.7 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.35 फीसदी) का योगदान रहा। बैंक निफ्टी सूचकांक में 1.41 फीसदी की तेजी आई।
व्यापारिक तनाव गहराने के बीच ट्रंप प्रशासन द्वारा एनवीडिया कॉर्प द्वारा चीन को निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद वैश्विक शेयरों में कमजोरी आई। डॉलर सूचकांक 0.5 फीसदी तक गिर गया। इस बीच सोने ने 3,318 डॉलर प्रति औंस का नया ऊंचा स्तर बनाया। कच्चा तेल 0.4 फीसदी चढ़ा और यह 65.8 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘वैश्विक कमजोरी के बीच, भारतीय बाजार ने इस उम्मीद में हल्की सकारात्मक धारणा दिखी है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध से भारत को नुकसान नहीं बल्कि लाभ होगा और मार्च की सीपीआई मुद्रास्फीति (जो पांच साल के निचले स्तर पर है) निकट भविष्य में आगे की दरों में कटौती का संकेत है। भारत में चौथी तिमाही के आय सीजन की शुरुआत कमजोर रही है। कुल उम्मीदें कमजोर बनी हुई हैं, जो ऊंचे स्तरों पर संभावित मुनाफावसूली का संकेत देती हैं।’ बाजार धारणा मजबूत रही। चढ़ने वाले शेयरों की संख्या 2,594 और गिरने वालों की संख्या 1,364 रही।