facebookmetapixel
फाइजर-सिप्ला में हुई बड़ी साझेदारी, भारत में प्रमुख दवाओं की पहुंच और बिक्री बढ़ाने की तैयारीगर्मी से पहले AC कंपनियों की बड़ी तैयारी: एनर्जी सेविंग मॉडल होंगे लॉन्च, नए प्रोडक्ट की होगी एंट्रीमनरेगा की जगह नए ‘वीबी-जी राम जी’ पर विवाद, क्या कमजोर होगी ग्रामीण मजदूरों की ताकत?1 फरवरी को ही आएगा 80वां बजट? रविवार और रविदास जयंती को लेकर सरकार असमंजस मेंसिनेमाघरों में लौटी रौनक: बॉक्स ऑफिस पर 11 महीनों में कमाई 18% बढ़कर ₹11,657 करोड़ हुईघने कोहरे की मार: इंडिगो-एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को हुई परेशानीश्रीराम फाइनैंस में जापान का अब तक का सबसे बड़ा FDI, MUFG बैंक लगाएगा 4.4 अरब डॉलरRBI की जोरदार डॉलर बिकवाली से रुपये में बड़ी तेजी, एक ही दिन में 1.1% मजबूत हुआ भारतीय मुद्राअदाणी एयरपोर्ट्स का बड़ा दांव: हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 5 साल में लगाएगी ₹1 लाख करोड़मोबाइल पर बिना इंटरनेट TV: तेजस नेटवर्क्स की D2M तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी

जानिए क्या है Grey Market और कैसे होती है इसमें ट्रेडिंग?

आसान भाषा में कहे तो Grey Market में उन प्रतिभूतियों का व्यापार करता है जो निकट भविष्य में पेश की जाएंगी। यह मार्केट अनऑफिशियल (unofficial) है मगर अवैध नहीं (illegal) है।

Last Updated- July 08, 2023 | 5:05 PM IST
Know what is gray market and how is trading in it?

ग्रे मार्केट (Grey Market) वित्तीय प्रतिभूतियों (financial securities) के लिए एक अनऑफिशियल बाजार है। ग्रे मार्केट में व्यापार आम तौर पर तब होता है जब किसी स्टॉक को बाजार से बाहर व्यापार करने से निलंबित कर दिया जाता है या फिर जब ऑफिशियली व्यापार शुरू होने से पहले नई प्रतिभूतियां खरीदी और बेची जाती हैं।

अनऑफिशियल मार्केट है मगर अवैध नहीं

आसान भाषा में कहे तो ग्रे मार्केट में उन प्रतिभूतियों का व्यापार करता है जो निकट भविष्य में पेश की जाएंगी। यह मार्केट अनऑफिशियल (unofficial) है मगर अवैध नहीं (illegal) है। ग्रे मार्केट जारीकर्ता और अंडरराइटर्स को नई पेशकश की मांग का आकलन करने में सक्षम बनाता है।

ग्रे मार्केट ट्रेडिंग में, जब व्यापार बाध्यकारी है, ऐसे में ऑफिशियल व्यापार शुरू होने तक इसका निपटान नहीं किया जा सकता है। इसमें एक बेईमान पार्टी व्यापार से मुकर सकती है। इस जोखिम के कारण कुछ संस्थागत निवेशक, जैसे पेंशन फंड और म्यूचुअल फंड, ग्रे मार्केट ट्रेडिंग से बचते हैं।

Also read: Corporate Earnings Q1: अगले हफ्ते से शुरू होगा कॉर्पोरेट अर्निंग सीजन, कंपनियां जारी करेंगी तिमाही नतीजे

Grey Market स्टॉक एक्सचेंज या सेबी द्वारा समर्थित नहीं

भारत में ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग काफी समय से होती आ रही है जिसके जरिए निवेशक और व्यापारी स्टॉक की प्रामाणिकता की जांच करते हैं। यह व्यापार नकद और व्यक्तिगत रूप से किया जाता है क्योंकि यह व्यापार का एक अनौपचारिक तरीका है। मांग और आपूर्ति की स्थिति ग्रे मार्केट द्वारा निभाई जाती है जिसमें निवेशक और व्यापारी सूचीबद्ध होने से पहले स्टॉक की ट्रे़डिंग करते हैं। ग्रे मार्केट लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज या सेबी जैसी तीसरी पार्टी फर्मों द्वारा समर्थित नहीं हैं।

Also read: सक्रिय Demat accounts की संख्या 12 करोड़ के पार, पिछले महीने 23.6 लाख नए खाते खुले

क्या होता है ग्रे मार्केट प्रीमियम

ग्रे मार्केट प्रीमियम (Grey Market Premium) वह राशि है जिस पर IPO शेयरों का ग्रे मार्केट में कारोबार किया जाता है। लाइव ग्रे मार्केट प्रीमियम दर्शाता है कि लिस्टिंग के दिन IPO कैसे प्रतिक्रिया देगा। जब किसी कंपनी का शेयर IPO लेकर आता है तो उसे शेयर बाजार के बाहर खरीदा और बेचा जाता है। ग्रे मार्केट में IPO शेयरों का व्यापार करना पूर्ण वित्तीय जोखिम के साथ आता है क्योंकि कभी-कभी इन शेयरों को जारी मूल्य से नीचे आवंटित किया जा सकता है।

ग्रे मार्केट से IPO शेयर खरीदते समय, खरीदारों को एक निश्चित प्रीमियम राशि पर ऑर्डर देना होगा। डीलर विक्रेताओं से संपर्क करता है और उन्हें ग्रे मार्केट प्रीमियम पर IPO शेयर बेचने के लिए कहता है। जो विक्रेता स्टॉक मार्केट लिस्टिंग के जोखिम का सामना नहीं करना चाहते हैं, वे अपने IPO शेयरों को एक निश्चित कीमत पर ग्रे मार्केट में बेच देते हैं।

First Published - July 8, 2023 | 5:05 PM IST

संबंधित पोस्ट