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Equity Capital Market: भारत में इक्विटी पूंजी बाजार और निवेश बैंकिंग सौदों ने निवेश बैंकरों की भरी झोली

भारत का समग्र निवेश बैंकिंग शुल्क 2025 के पहले नौ महीनों के दौरान 1 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है

Last Updated- October 05, 2025 | 10:43 PM IST
Private equity firms
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के आंकड़ों के अनुसार निवेश बैंकरों (आईबैंकर्स) के लिए यह वर्ष भी मजबूत रहने की संभावना है। इक्विटी पूंजी बाजार सौदों से जुड़ा शुल्क इस साल  के पहले नौ महीनों में 43.8 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है।  भारत का समग्र निवेश बैंकिंग शुल्क 2025 के पहले नौ महीनों के दौरान 1 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। इसमें ईसीएम और ऋण पूंजी बाजारों के साथ साथ विलय-अधिग्रहण से प्राप्त शुल्क भी शामिल हैं।

एलएसईजी की गणना से पता चलता है कि जेफरीज भारत में समग्र निवेश बैंकिंग शुल्क की रैंकिंग में अग्रणी है। यह शुल्क लगभग 8.6 करोड़ डॉलर या कुल पूल का 8.7 प्रतिशत है। जहां कुल ईसीएम शुल्क पिछले साल से 4 फीसदी घटा है, वहीं 2025 के शेष महीनों में मजबूत सौदों की संभावना से डील कराने वालों को बोनस का एक और मोटा तोहफा मिल सकता है।

ईसीएम गतिविधियों (जिसमें आईपीओ, क्यूआईपी जैसे फॉलो ऑन ऑफर और ब्लॉक डील आदि शामिल हैं) का कुल आकार 41 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल की इसी अवधि के 49.7 अरब डॉलर के मुकाबले 17 फीसदी कम है। एलएसईजी के अनुसार इस गिरावट के बावजूद ऐतिहासिक मानकों के लिहाज से गतिविधियां मजबूत बनी हुई है।  

घरेलू आईपीओ से 10.8 अरब डॉलर जुटाए गए। यह सालाना आधार पर 17.5 फीसदी की बढ़ोतरी है और 1980 में आंकड़ा दर्ज शुरू होने के बाद से 9 महीने का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह वृद्धि तब हुई जब पिछले साल की तुलना में आईपीओ की संख्या में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई। एफपीओ यानी अनुवर्ती पेशकशों, जिनका कुल ईसीएम आय में 70 प्रतिशत योगदान रहा, से 28.8 अरब डॉलर जुटाए गए जो पिछले साल के रिकॉर्ड से 28.6 प्रतिशत कम है। उनकी संख्या में भी सालाना आधार पर 32.8 प्रतिशत की गिरावट आई। 

विभिन्न सेक्टर में वित्तीय क्षेत्र ने 8.3 अरब डॉलर की आय के साथ ईसीएम गतिविधियों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रौद्योगिकी कंपनियों ने 6.5 अरब डॉलर जुटाए जिससे उनकी आय में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और उनकी 15.8 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। औद्योगिक सेक्टर ने 5.7 अरब डॉलर जुटाए।

इसकी 48.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13.8 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। जेपी मॉर्गन पहले नौ महीनों में ईसीएम सूची में सबसे आगे रहा। उसने 12.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 4.98 अरब डॉलर के सौदे किए। मॉर्गन स्टेनली (10.5 प्रतिशत), जेफरीज (8.7 प्रतिशत), आईआईएफएल  कैपिटल (8.3 प्रतिशत) और कोटक महिंद्रा बैंक (8.2 प्रतिशत) शीर्ष पांच में शामिल रहे।

First Published - October 5, 2025 | 10:43 PM IST

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