मौजूदा वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के कमजोर प्रदर्शन की वजह से एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयर पर दबाव बना हुआ है। सोमवार को यह गिर कर शेयर 6 महीने के निचले स्तर पर आ गया था।
सोमवार को डीमार्ट का शेयर दिन के कारोबार में 6 प्रतिशत टूटकर 3,627 रुपये पर आ गया था, जो 5 जुलाई 2022 के बाद से उसका सबसे निचला स्तर है। हालांकि कारोबार के अंत में यह 4.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,678.65 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई के सेंसेक्स में 0.28 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम से निवेशकों को राजस्व वृद्धि, मार्जिन और स्टोर वृद्धि को लेकर निराशा हाथ लगने के बाद शेयर पर दबाव बढ़ा है। यही वजह है कि ब्रोकरों ने ताजा वित्तीय प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2023/24/25 के लिए अपने आय अनुमानों में कटौती की है।
डीमार्ट श्रृंखला के स्टोरों की मालिक एवं परिचालक का सकल राजस्व 24.7 प्रतिशत वृद्धि के साथ 11,300 करोड़ रुपये पर रहा। एबिटा और शुद्ध लाभ भी अनुमान के मुकाबले कम बढ़ा और यह 12.2 प्रतिशत तथा 9.4 प्रतिशत सालाना बढ़कर 860 करोड़ तथा 640 करोड़ रुपये पर रहा।
प्रति स्टोर के आधार पर, राजस्व सालाना तौर पर 4.4 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन 3 साल की अवधि (महामारी पूर्व के मुकाबले) के दौरान सीएजीआर वृद्धि अभी भी महज 2 प्रतिशत है, जो काफी हद तक पिछली तीन तिमाहियों के दौरान दर्ज किए गए प्रदर्शन के लगभग समान है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के जय गांधी का कहना है, ‘डीमार्ट की इकाई के लिए आर्थिक स्थिति महामारी पूर्व अवधि के मुकाबले कमजोर बनी हुई है।हालांकि हम वित्त वर्ष 2022-24 के दौरान सुधार का अनुमान जता रहे हैं, लेकिन यह अनुमान जोखिमों से जुड़ा हुआ है, क्योंकि कंपनी को रिटेलरों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है। हमने इस शेयर के लिए ‘बेचें’ रेटिंग बरकरार रखी है।’
ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए 3,000 रुपये का कीमत लक्ष्य तय किया है, जिससे मौजूदा स्तरों से करीब 18 प्रतिशत गिरावट का संकेत मिलता है। इसके अलावा, तिमाही में एवेन्यू सुपरमार्ट्स का सकल मार्जिन भी बाजार के 14.8 प्रतिशत अनुमान से नीचे रहा है। एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 9.6 प्रतिशत था, जो दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 100 आधार अंक तक घटकर 8.6 प्रतिशत रह गया।
प्रभुदास लीलाधर ने इस कमजोरी के लिए उत्पाद मिश्रण में आए बदलाव को जिम्मेदार माना है। रिटेल की लागत भी सालाना आधार पर 50 आधार अंक तक बढ़ी, क्योंकि परिचालन लाभ को त्योहारी तिमाही का पूरा लाभ नहीं मिला।
जेएम फाइनैंशियल ने कहा है, ‘नेटवर्क में नए स्टोरों से कम कारोबार के अलावा मुद्रास्फीति दबाव, और कमजोर उपभोक्ता धारणा से डिस्क्रेशनरी श्रेणियों में बिक्री प्रभावित हुई और इसका असर मुनाफे पर पड़ा।’
सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने वित्त वर्ष 2023/24/25 के लिए अपने ईपीएस अनुमान +0.7/-0.4/-4 प्रतिशत तक समायोजित किए हैं, जबकि प्रभुदास लीलाधर ने इन वर्षों के लिए ईपीएस अनुमानों में 4.2/4.3/4 प्रतिशत तक की कटौती की है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल ने 4,050 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ डीमार्ट पर ‘तटस्थ रहें’ रेटिंग दी है।