नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च का मानना है कि लार्जकैप का कटऑफ 17 फीसदी उछलकर 99,200 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है जबकि मिडकैप की सीमा बढ़कर 32,400 करोड़ रुपये हो सकती है। यह लार्जकैप शेयरों के लिए लगातार पांचवीं बढ़ोतरी होगी जबकि मिडकैप के लिए नौवीं बढ़ोतरी। यह कटऑफ जनवरी से लागू होने की संभावना है।
जनवरी 2021 में लार्जकैप की पात्र बनने वाले शेयरों के लिए कटऑफ 28,141 करोड़ रुपये थी, जबकि मिडकैप के लिए यह सीमा 8,354 करोड़ रुपये की थी। बाजार पूंजीकरण में मौजूदा बढ़ोतरी की सीमा महामारी के बाद से भारतीय शेयर बाजार में हुई तेज बढ़ोतरी को दर्शाती है।
द एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया हर छह महीने में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की सूची को संशोधित करती है। इसकी समीक्षा जून और दिसंबर में होती है। अद्यतन सूची आमतौर पर अगले महीने के पहले सप्ताह के दौरान सामने आ जाती है।
एमकैप के लिहाज से 100 अग्रणी कंपनियां लार्जकैप की पात्र होती हैं। इससे अगली 150 कंपनियां मिडकैप मानी जाती हैं जबकि बाकी को स्मॉलकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है।
एमकैप की सीमा में तीव्र बढ़ोतरी ने शेयर वर्गीकरण के तरीके पर बदलाव की जरूरत बताई है। पुनर्वर्गीकरण प्रक्रिया में बदलाव या लार्जकैप और मिडकैप शेयरों की संख्या बढ़ाने को लेकर चर्चा हो चुकी है। हालांकि नियामक और उद्योग ने अभी मौजूदा तरीके को बनाए रखने का विकल्प चुना है।
जो शेयर मिडकैप से लार्जकैप में जा सकते हैं उनमें सीजी पावर, रेल विकास निगम, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस और इंडस टावर्स शामिल हैं। चार नई सूचीबद्ध कंपनियां ह्युंडै मोटर इंडिया, बजाज हाउसिंग फाइनैंस, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और स्विगी भी लार्जकैप श्रेणी में शामिल हो सकती हैं।