भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को क्लियरिंग कॉरपोरेशनों (सीसी) के स्वामित्व के विनिवेश या विविधीकरण का प्रस्ताव दिया है। अभी इनका शत-प्रतिशत स्वामित्व स्टॉक एक्सचेंजों के पास है। शुक्रवार को जारी एक परामर्श पत्र में बाजार नियामक सेबी ने इन निगमों के मूल स्टॉक एक्सचेंज से स्वतंत्र होने की बात कही है।
वर्तमान में शेयर बाजार में दो क्लियरिंग कॉरपोरेशनों हैं जिनका स्वामित्व बंबई स्टॉक एक्सचेंज और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के पास है। बाकी दूसरे सीसी जिंस बाजार और डेट बाजार से जुड़े हैं।
क्लीयरिंग कॉरपोरेशन एक एक्सचेंज के लिए लेनदेन की पुष्टि, निपटान और उसकी डिलिवरी में मददगार होते हैं।
सेबी ने कहा, ‘विभिन्न सेगमेंट में काम करने वाले सीसी के स्वामित्व को मूल एक्सचेंज से दूर कर उसमें विविधता लाने से एमआईआई की वित्तीय और परिचालन स्वतंत्रता को मजबूत करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि वे मुख्य रूप से जनहित में काम कर सकें और सभी एमआईआई के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित हो सकें और एक ही बड़े तंत्र पर निर्भरता कम हो सके।’
बाजार नियामक का मानना है कि क्लियरिंग कॉरपोरेशनों को तकनीक, परिचालन, मानव संसाधन में उचित निवेश के लिए स्वतंत्र रूप से फंडिंग करने और अपने निपटान गारंटी फंड (एसजीएफ) को बनाए रखने में पूरी तरह सक्षम होना चाहिए।