इन्फोसिस का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर आज दिन के कारोबार में 4.76 प्रतिशत चढ़कर 1,843 रुपये पर बंद हुआ। यह पिछले 52 हफ्ते में इस शेयर का सबसे ऊंचा भाव है। इन्फोसिस का अमेरिका में सूचीबद्ध अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स (एडीआर) भी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर 8.38 प्रतिशत बढ़कर 22.50 डॉलर पर बंद हुआ। पिछले चार साल में कंपनी के एडीआर में यह सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त रही।
यह तेजी वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में इन्फोसिस के शानदार नतीजे पेश होने के बाद आई है। देश की इस दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी ने समूचे वित्त वर्ष 2025 के लिए अपेक्षा से बेहतर वृद्धि का अनुमान भी जाहिर किया है। जून तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले के मुकाबले 7.1 प्रतिशत बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो ब्लूमबर्ग द्वारा जताए गए 6,248 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक था।
मगर जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही के मुकाबले यह 20.4 प्रतिशत कम हो गया। जून तिमाही में परिचालन से इन्फोसिस का राजस्व भी अप्रैल-जून 2023 के मुकाबले 3.6 प्रतिशत तक बढ़कर 39,315 करोड़ रुपये हो गया। आईटी दिग्गज ने इस मोर्चे पर 38,810 करोड़ रुपये के ब्लूमबर्ग के अनुमान को धता बता दिया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 3-4 प्रतिशत राजस्व वृद्धि का अनुमान भी जताया है, जो बाजार के 1 से 3 प्रतिशत इजाफे के अनुमान से ज्यादा है।
विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए राजस्व के हैरत में डालने वाले अनुमान की तीन वजहें हैं – पहली तिमाही में अपेक्षा से बेहतर राजस्व, कंपनी को मिले बढ़िया सौदे और 2025 के बाकी हिस्से में इन-टेक अधिग्रहण का प्रभाव।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने कहा कि तक खास परियोजना में कीमत के फायदे से कंपनी की राजस्व वृद्धि 50 आधार अंक बढ़ गई। इसे हटाने पर भी वृद्धि ब्रोकरेज के अनुमान से ज्यादा रही। लगातार छह तिमाहियों से गिर रहा कंपनी का बीएफएसआई क्षेत्र एक बार फिर वृद्धि की पटरी पर लौट आया क्योंकि बड़े सौदों ने उसे सहारा दिया।
बीएफएसआई क्षेत्र 7.6 प्रतिशत तक बढ़ा, जिसके बाद लाइफसाइंसेज और निर्माण में 3.3 प्रतिशत तक इजाफा दर्ज किया गया। इसके बाद ऊर्जा और यूटिलिटी तथा दूरसंचार में भी पिछली तिमाही के मुकाबले 1 से 3 प्रतिशत तक इजाफा दिखा। लेकिन हाई-टेक और रिटेल जैसे क्षेत्रों में पिछली तिमाही के मुकाबले 5 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत गिरावट आई। एबिटा मार्जिन 21.1 प्रतिशत रहा, जिसे एक विशेष परियोजना से बढ़त मिली मगर वैरिएबल पे और लीव एनकैशमेंट पर अधिक खर्च के कारण यह बढ़त बराबर हो गई।
पिछली तिमाही में इन्फोसिस ने 4.1 अरब डॉलर के कुल 34 बड़े सौदे किए, जो पिछले साल अप्रैल-जून से 79 प्रतिशत अधिक रहे मगर इसी साल जनवरी-मार्च से 8.9 प्रतिशत कम है। कंपनी के कर्मियों की कुल संख्या भी अप्रैल तिमाही से 1,900 तक घटकर 3,15,332 रह गई। नुवामा ने 2,050 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इन्फोसिस को खरीदने की सलाह दी है। नोमुरा, जेफरीज समेत कई ब्रोकरों ने इस शेयर पर सकारात्मक नजरिया अपनाया है।