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निफ्टी के इस साल 28,000 छूने की संभावना: अमर अंबानी

अंबानी ने कहा कि सरकार की मजबूत राजस्व ​स्थिति को देखते हुए लगता नहीं कि आगामी बजट में कर संबं​धी बड़ा उलटफेर होगा।

Last Updated- July 14, 2024 | 11:00 PM IST
निफ्टी के इस साल 28,000 छूने की संभावना: अमर अंबानी, See a possibility of Nifty hitting 28K this year: YES Securities India ED
Amar Ambani, Executive Director, YES Securities India

येस सिक्योरिटीज इंडिया में कार्यकारी निदेशक अमर अंबानी ने कहा कि बाजार बजट के बाद भी मौजूदा स्तरों से 10-12 प्रतिशत की और तेजी दर्ज कर सकते हैं, हालांकि बीच-बीच में कुछ गिरावट हो सकती है। मुंबई में सुंदर सेतुरामन के साथ साक्षात्कार में अंबानी ने कहा कि सरकार की मजबूत राजस्व ​स्थिति को देखते हुए लगता नहीं कि आगामी बजट में कर संबं​धी बड़ा उलटफेर होगा। मुख्य अंश:

2024 की पहली छमाही शेयर बाजारों के लिए अच्छी साबित हुई है। इससे क्या नतीजा निकालते हैं?

बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले साल के मजबूत प्रदर्शन की रफ्तार बरकरार रखे हुए हैं। बढ़ती आय की मदद से तेजी बनी हुई है। ऊंची ब्याज दरों के बावजूद आय में सुस्ती के संकेत नहीं दिखे हैं। कुछ छोटी और मझोली फर्मों को छोड़ दें तो सभी क्षेत्रों में आय की ​स्थिति मजबूत बनी हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के आंकड़े भी मजबूत दिख रहे हैं। यदि खपत में कोई सुधार आता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में, तो परिदृश्य और मजबूत होगा। अगर मौजूदा ब्याज दरों पर अर्थव्यवस्था ​स्थिर बनी रहती है तो दर कटौती के साथ परिदृश्य और मजबूत हो जाएगा।

क्या आपको भारत में जल्द दर कटौती की उम्मीद दिख रही है?

मुद्रास्फीति ​​की स्थिति को देखते हुए रीपो दर में अभी भी कटौती हो सकती है। हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दरें घटाने से पहले रुपये और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रभावित हो सकता है। फेडरल दरें घटाने की जल्दबाजी में नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का लक्ष्य रुपये को डॉलर के मुकाबले 83 और 83.5 के बीच ​स्थिर बनाए रखना है।

फेडरल रिजर्व कब कटौती कर सकता है?

फेड ने मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के आसपास लाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन मौजूदा अमेरिकी मुद्रास्फीति स्तर इस लक्ष्य से काफी दूर है। आपूर्ति संबं​धी समस्याओं की वजह से ऊंची मुद्रास्फीति के जो​खिम, भूराजनीतिक तनाव और संरक्षणवादी नी​तियां बरकरार हैं। फेड का लक्ष्य बदलने का इतिहास रहा है। फेड को कभी भी 2 प्रतिशत लक्ष्य की निरर्थकता और इसके प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव का एहसास हो सकता है। वह बिना किसी कटौती या कभी-कभार कटौती के लंबे समय के बाद अप्रैल या मई 2025 के आसपास दरों में कटौती शुरू कर सकता है।

निफ्टी और एसएमआईडी के लिए आपका क्या नजरिया है?

मेरा अनुमान है कि निफ्टी इस साल 28,000 पर पहुंच सकता है। इसमें बीच-बीच में गिरावट हो सकती है जो एक या दो महीने रह सकती है। बड़ी तेजी के बाद निफ्टी में संभवत: 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। हालांकि, किसी भी गिरावट के बाद एक या दो महीने के भीतर इसके फिर से बढ़ने की संभावना है। लार्जकैप शेयरों को छोटे और मझोले शेयरों की तुलना में बढ़त मिलने की उम्मीद है। हालांकि बढ़िया गुणवत्ता वाले छोटे और मझोले शेयरों का प्रदर्शन अभी भी लार्जकैप शेयरों से बेहतर रह सकता है।

बजट से आपको क्या उम्मीदें हैं? क्या आपको पूंजी बाजार के कर ढांचे में बदलाव या अन्य बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लाभांश भुगतान और जोरदार कर संग्रह के कारण सरकार के पास राजकोषीय घाटे की बहुत गुंजाइश है। इसलिए, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में सरकारी पूंजीगत व्यय जारी रहने की संभावना है। ग्रामीण मांग को बहाल करने के उद्देश्य से लोक-लुभावनवाद की ओर थोड़ा झुकाव हो सकता है। घटक निर्माताओं को उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना के लाभ का विस्तार और बंदरगाह क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन संभव है। इस बार दीर्घाव​धि पूंजीगत लाभ में बदलाव नहीं भी हो सकता है, क्योंकि सरकार को तुरंत ही अतिरिक्त राजस्व की जरूरत नहीं है।

शेयर महंगे होने के मौजूदा माहौल में निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?

बजट के बाद कोई गिरावट हुई भी तो बाजार की अंतर्निहित संरचना में कोई बदलाव नहीं आएगा। हम अभी भी तेजी के दौर में हैं। आकर्षक शेयरों की तलाश करने वाले निवेशकों को बढ़ोतरी की संभावना वाले क्षेत्रों और प्रतिस्पर्धी लाभ और मजबूत प्रबंधन वाली कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए। महंगे मूल्यांकन के बावजूद ऐसे शेयरों को तीन से पांच साल तक रखने से आम तौर पर बड़ी रकम कमाने का मौका मिलता है।

कई शेयर अपने आय अनुमानों से ज्यादा चढ़ गए हैं। क्या कहीं गुंजाइश है?

व्यापक आधार वाली तेजी को घरेलू और विदेशी निवेशकों की रकम से समर्थन मिला है। अच्छी बात यह है कि हमारे बीच बहुत सारे आईपीओ आ रहे हैं। इस तरलता को खपाने की पर्याप्त गुंजाइश है। प्रवर्तकों ने अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेची भी है। अन्यथा, बाजार का मूल्यांकन काफी बढ़ जाएगा।

महामारी के बाद, बचत का वित्तीय क्षेत्रों में जाना बढ़ा है। क्या यह निवेश बरकरार रहेगा?

वित्तीय निवेश योजनाओं के बारे में जागरुकता बढ़ने से घरेलू तरलता एकदम से खत्म नहीं होगी। अब वित्तीय परिसंपत्तियों में पैसा लगाने का स्पष्ट इरादा होता है। एक आयु वर्ग वाला समूह निश्चित आय वाली योजनाओं से शेयरों की ओर जा रहा है।

First Published - July 14, 2024 | 11:00 PM IST

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