अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर गुरुवार को 4.7 फीसदी टूट गया जब कंपनी ने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) का कीमत दायरा 9 से 13 फीसदी कम तय किया। यह शेयर हालांकि थोड़ा सुधरकर 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 3,462 रुपये पर बंद हुआ।
अदाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ रुपये के FPO का कीमत दायरा 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर तय किया है। खुदरा निवेशकों को 64 रुपये प्रति शेयर की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
अनुवर्ती शेयर बिक्री के दौरान बिकवाली का दबाव असामान्य नहीं है क्योंकि आर्बिट्रेज ट्रेडर द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध शेयर बेचना चाहते हैं और छूट वाले शेयर के लिए आवेदन करना चाहते हैं। हालांकि आर्बिट्रेज अदाणी के एफपीओ में शायद कारगर नहीं होगा, जो 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा।
विश्लेषकों ने कहा कि गौतम अदाणी की अगुआई वाली फर्म ने आंशिक चुकता शेयर जारी कर रही है, जिसकी ट्रेडिंग अलग से होगी, जब तक कि यह पूर्ण चुकता शेयर नहीं बन जाता।
क्वांटिटेटिव विश्लेषक (जो ऐसी रणनीति पर क्लाइंटों को सलाह देते हैं) ने कहा, सामान्य आर्बिट्रेज रणनीति इस एफपीओ में काम नहीं करेगी। तकनीकी तौर पर आप द्वितीयक बाजार में नहीं बेच सकते और उसी शेयर के लिए एफपीओ में आवेदन नहीं कर सकते। आंशिक चुकता शेयर 18 महीने में पूर्ण चुकता शेयर में तब्दील किए जाएंगे।
पहले चरण में 10,000 करोड़ रुपये जुटाएगी अदाणी एंटरप्राइजेज
पहले चरण में अदाणी एंटरप्राइजेज 10,000 करोड़ रुपये जुटा रही है। बाकी रकम एक या अतिरिक्त चरणों में 18 महीने में निवेशकों से लिए जाएंगे। तब तक अदाणी एंटरप्राइजेज के आंशिक चुकता शेयरों की ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर अलग से होगी, जैसा कि आरआईएल के 53,124 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू में हुआ था।
विश्लेषकों ने कहा कि अदाणी एंटरप्राइजेज के आंशिक चुकता शेयरों की ट्रेडिंग आंतरिक मूल्य के मुकाबले प्रीमियम पर तब तक होगी जब तक कि पूर्ण चुकता शेयर एफपीओ कीमत से ऊपर रहते हैं।
एक विश्लेषक ने आरआईएल के आंशिक चुकता शेयरों का हवाला दिया है, जिसकी ट्रेडिंग आंतरिक मूल्य के दोगुने पर हुई थी।
उन्होंने कहा, आंशिक चुकता शेयरों के लिए आवेदन करने वाले खुद को एफपीओ कीमत पर लॉक करेंगे और आगे का भुगतान बाद की तारीख पर होगा। ऐसे में तकनीकी तौर पर ब्याज लागत कीमत के साथ जुड़ जाएगी। आरआईएल के उलट एईएल ने आगे के चरणों के लिए तारीख का फैसला नहीं लिया है।
मुकेश अंबानी की फर्म ने राइट्स इश्यू के लिए पहले चरण में मई 2020 में सिर्फ 25 फीसदी रकम ली थी। बाकी दो चरणों मई 2021 व नवंबर 2021 मं क्रमश: 25 फीसदी व 50 फीसदी रकम ली गई थी।
एक निवेश बैंकर ने कहा, कॉल ऑप्शन की तारीख तय न करने से कंपनी के पास लचीलापन रहेगा। ऐसे में अगर पूर्ण चुकता शेयर एफपीओ कीमत से नीचे चले जाते हैं तो कंपनी कॉल ऑप्शन की तारीख आगे बढ़ा सकती है।
यह पूछे जाने पर कि 20,000 करोड़ रुपये एक बार में जुटाने के मामले में क्या उतारचढ़ाव एक चिंता थी, अदाणी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशइंदर सिंह ने कहा, हम अल्पावधि के उतारचढ़ाव के आधार पर फैसला नहीं ले सकते।