उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ के कहर के बीच टूर ऑपरेटर लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने से बचने की सलाह दे रहे हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों की यात्रा के लिए मॉनसून अच्छा सीजन नहीं है। हम आम तौर पर लोगों को इस दौरान यहां जाने से बचने को कहते हैं।’
इसी माह स्वतंत्रता दिवस के बाद शनिवार और रविवार पड़ने से लंबी छुट्टी मिल रही है, जिसमें सैलानी आम तौर पर आसपास के पर्यटन स्थल जाना पसंद करते हैं, जिसमें उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्य शामिल हैं। इस बार 15 से 17 अगस्त के सप्ताहांत में शिमला, चैल और दूसरे पर्यटन स्थलों पर जमकर पर्यटक आने की उम्मीद थी। किंतु पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न हुई अव्यवस्था के कारण बहुत से लोग रक्षाबंधन वाले सप्ताहांत पर दूसरे पर्यटन केंद्र तलाश रहे हैं।
दिल्ली में रहने वाले 29 वर्षीय इंजीनियर शुभम शर्मा ने कहा, ‘मैंने और मेरे चचेरे भाइयों ने आगामी राखी सप्ताहांत के लिए कसौली जाने की योजना बनाई थी, लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए हमने वहां जाने का फैसला टाल दिया है। अब हम राजस्थान की तरफ जाने के लिए पर्यटन स्थलों की खोज कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘पिछले साल हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ आ गई थी, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ था। इस साल उत्तराखंड में बादल फटा है। बरसात के मौसम में इन राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं का बहुत जोखिम रहता है। इसलिए इस सीजन में यहां जाने से बचना चाहिए और लोगों को इन राज्यों की यात्रा करने के लिए बेहतर मौसम का इंतजार करना चाहिए।’
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में अचानक आई बाढ़ के कारण धराली गांव में अनेक घर और होटल बह गए। कम से कम चार लोगों मौत हो गई और अनेक लोग अब भी लापता है। केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की।