विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मलेरिया से प्रभावित देशों से इसकी रोकथाम, पता लगाने और इलाज के लिए उच्च प्रभाव वाले उपकरणों और रणनीतियों तक पहुंच में तेजी लाने की अपील की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में न आये।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने विश्व मलेरिया दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि कोविड-19 संकट के साये में दुनिया मलेरिया के संदर्भ में डब्ल्यूएचओ की वैश्विक तकनीकी रणनीति (जीटीएस) के दो महत्वपूर्ण लक्ष्यों को हासिल कर पाने की स्थिति में फिलहाल नहीं है, जिसमें वैश्विक मामलों में कमी लाना और 2030 तक इससे संबंधित मृत्यु दर को 90 प्रतिशत या उससे अधिक तक कम करना शामिल है। उन्होंने बताया कि 2020 में पूरी दुनिया में मलेरिया के कारण 6,25,000 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 6,19,000 मौत का था।
उन्होंने बताया कि 2020 में मलेरिया के 24 करोड़ 50 लाख नये मामले सामने आये थे, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 24 करोड़ 70 लाख था। उन्होंने कहा कि 2020 के अंत तक, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र एकमात्र डब्ल्यूएचओ क्षेत्र था, जिसने 2015 की तुलना में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की कमी हासिल की थी, जो जीटीएस की दृष्टि से पहले मील का पत्थर था।
कोविड-19 से निपटने के साथ-साथ मालदीव और श्रीलंका ने मलेरिया-मुक्त देश के तौर पर अपनी स्थिति को बरकरार रखा है और इस क्षेत्र के पांच देश- भूटान, उत्तर कोरिया, नेपाल, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते, उन 25 देशों में शामिल हैं, जिन्हें वैश्विक तौर पर एक ऐसे क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है, जिनमें 2025 तक मलेरिया को खत्म करने की क्षमता है। साल 2022 में, पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सर्वसम्मति से ‘मलेरिया उन्मूलन के लिए नवीनीकृत प्रतिबद्धता’ पर एक बयान का समर्थन किया था, जिसमें नवीन रणनीतियों और उपकरणों को अपनाने के साथ-साथ सफल कार्यान्वयन रणनीतियों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘आज, यह क्षेत्र महत्वपूर्ण मोड़ पर है। क्षेत्र में 2010 के बाद से मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कुल आवंटित धन में 36 प्रतिशत की कमी आई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरे क्षेत्र में सेवाओं में अंतर बना हुआ है। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में इस क्षेत्र में अनुमानित 3,85,000 अधिक मामले थे।’’