स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अस्पतालों में आग एवं बिजली संबंधी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए कहा है। मंत्रालय की यह कवायद हालिया अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने के बाद हुई है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक अतुल गोयल की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार से संभावित संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और आग से बचाव के पूर्वाभ्यास आयोजित करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने राज्यों से ज्वलनशील पदार्थों के उचित भंडारण और बिजली सर्किट और प्रणालियों की नियमित जांच और रखरखाव उपाय लागू करने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय राजधानी में पिछले दो हफ्तों के दौरान अस्पतालों में आग लगने की तीन बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिसमें कम से कम दो घटनाएं शॉर्ट सर्किट के कारण हुईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों में आग से बचाव के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना, आग की पहचान करने वाली प्रणाली स्थापित करना और उसका रखरखाव करना एवं आग लगने पर मरीजों, कर्मचारियों और आगंतुकों को निकालने के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार करना शामिल है।
मंत्रालय ने राज्यों से लू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हीट ऐक्शन प्लान लागू करने को कहा है ताकि गर्मी संबंधित बीमारियों से बचाव तैयारियां सुनिश्चित की जा सके। राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में तैयारी का जायजा लेने, एंबुलेंस उपलब्धता की जांच करने और सभी अस्पतालों में लू लगने वाले मरीजों के लिए अलग कमरा रखने का निर्देश दिया गया है।
नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘इस साल मई में लू के कारण देश भर 80 से अधिक मौतें हुई हैं।’ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों से एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) के जरिये लू लगने वाले मरीजों के लिए एक अलग कमरा, ओआरएस की व्यवस्था को सुनिश्चित करने और निगरानी करने के लिए कहा गया है।
आग और लू से बचाव की तैयारी के लिए मंत्रालय का जोर भारतीय मौसम विभाग द्वारा 27 मई को किए गए पूर्वानुमान के बाद आया है।