स्वास्थ्य

बढ़ते प्रदूषण से मांग कई गुना बढ़ी: दिल्ली-एनसीआर में एयर प्यूरीफायर और N95 मास्क की जोरदार बिक्री

लोग एन95 मास्क, घर और कार के एयर प्यूरीफायर का स्टॉक कर रहे हैं जिससे ई-कॉमर्स, क्विक कॉमर्स और खुदरा दुकानों में इनकी मांग में भारी उछाल आई

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उदिशा श्रीवास्तव   
अक्षरा श्रीवास्तव   
Last Updated- November 27, 2025 | 11:12 PM IST

लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता चार्ट लाल रंग में रंगता जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे यह पूरे मानचित्र पर कोई विशाल दाग हो। ऐसे में सेहत के प्रति सतर्कता बरतने की डॉक्टरों की सलाह के बीच, लोगों ने प्रदूषण से बचने के लिए आवश्यक वस्तुएं जुटानी शुरू कर दी हैं। ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर एयर प्यूरीफायर, एन95 मास्क और कार केबिन फिल्टर जैसे उत्पादों की मांग में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली-एनसीआर और इसके करीब के अन्य शहरों में एयर प्यूरीफायर की मांग काफी बढ़ गई है।

जेप्टो के मुख्य बिजनेस ऑफिसर देवेंद्र मील ने कहा कि क्यूकॉम फर्म अपने डार्क स्टोर्स में स्टॉक बढ़ा रही है, क्योंकि प्रदूषण से सुरक्षा के लिए आवश्यक वस्तुओं की मांग में तेजी आ रही है। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हमारे प्लेटफॉर्म पर देखा गया है, पिछले साल की तुलना में एन95 मास्क की मांग 3.5 गुना बढ़ गई है, जबकि एयर प्यूरीफायर में चार गुना वृद्धि हुई है। हमारे विक्रेताओं ने पहले ही पिछले सीजन की कुल बिक्री को पार कर लिया है।’ इसके अलावा, कंपनी के फार्मा वर्टिकल, जेप्टो फार्मेसी में भी प्रदूषण से होने वाली दिक्कतों से संबं​धित दवाएं एवं बचाव के उत्पादों में उछाल आई है।

ईकॉम क्षेत्र में भी यही परिदृश्य उभर रहा है। एमेजॉन इंडिया के होम, किचन और आउटडोर कैटेगरी के निदेशक केएन श्रीकांत ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों की ओर से वेलनेस-केंद्रित उत्पादों की मांग बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘सामान्य दिनों की तुलना में एयर प्यूरीफायर की मांग में पांच गुना वृद्धि हुई है। प्लेटफॉर्म पर किफायती रेंज (10,000 रुपये से कम) में वा​र्षिक स्तर पर 75 प्रतिशत, मध्यम रेंज (10,000 रुपये – 20,000 रुपये) में 70 प्रतिशत और प्रीमियम सेगमेंट (20,000 रुपये से ऊपर) में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’

इसी तरह, क्यूकॉम प्लेटफॉर्म बिगबास्केट ने कहा कि कंपनी एनसीआर में एन95 मास्क और एयर प्यूरीफायर की बिक्री में मजबूत वृद्धि दर्ज कर रही है। चीफ बाइंग ऐंड मर्चेंडाइजिंग ऑफिसर सेशु कुमार तिरुमाला ने कहा, ‘दीवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में एयर प्यूरीफायर की बिक्री बढ़नी शुरू हो गई। चूंकि यह पहला साल है जब हमारे प्लेटफॉर्म पर एयर प्यूरीफायर उपलब्ध हैं, इसलिए हमारे पास तुलना के लिए पिछला डेटा नहीं है। लेकिन, एन95 मास्क प्लेटफॉर्म पर नियमित रूप से बिक रहा है।’

दिल्ली-एनसीआर में होम एयर प्यूरीफायर की मांग में पिछले साल की तुलना में 20 गुना वृद्धि दर्ज की जा रही है। वहीं इस वर्ष लोग यहां कार एयर प्यूरीफायर भी खूब खरीद रहे हैं, जो पहले की अपेक्षा 2.5 गुना अ​धिक बिक रहे हैं। श्रीकांत ने कार एयर प्यूरीफायर की बिक्री के बारे में कहा, ‘मुंबई में इनकी मांग में 1.75 गुना इजाफा हुआ है। वहीं चंडीगढ़, पुणे, लुधियाना और अहमदाबाद जैसे अपेक्षाकृत छोटे शहरों में भी लोग इन्हें अपना रहे हैं।’

वैसे, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकइट और स्विगी इंस्टामार्ट ने सटीक बिक्री या मांग के आंकड़े तो साझा नहीं किए, लेकिन बाजार के आकलन से पता चलता है कि इन प्लेटफॉर्म ने एयर प्यूरीफायर, मास्क और प्रदूषण-रोधी स्किनकेयर जैसे उत्पादों का स्टॉक किया है। विशेष बात यह है कि अब एयर प्यूरीफायर की मांग केवल दिल्ली-एनसीआर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में लोग इन्हें खरीद रहे हैं या इनके बारे में जानकारी ले रहे हैं। ऑफलाइन विक्रेताओं के यहां भी इन उत्पादों के ग्राहक आ रहे हैं।

जालंधर के एक खुदरा विक्रेता ने कहा, ‘हम आम तौर पर अक्टूबर से शुरू होने वाले सर्दियों के सीजन के दौरान औसतन दो यूनिट प्रतिदिन बेच लेते हैं। जैसे ही राज्य में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगती हैं, लोग एयर प्यूरीफायर खरीदने के लिए दुकानों पर आने लगते हैं। हर साल ऐसा होता है। हम आम तौर पर फिलिप्स और हनीवेल जैसे ब्रांडों का स्टॉक बहुत पहले से कर लेते हैं।’

शहर के एक अन्य रिटेलर ने कहा, ‘चंडीगढ़ को हालांकि स्वच्छ और हरा-भरा शहर माना जाता है, यहां वरिष्ठ नागरिकों की बड़ी आबादी रहती है। शायद यही कारण है कि अब हर साल के अंत यानी अक्टूबर-नवंबर में यहां एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ जाती है। हम इस साल अभी तक लगभग 10 प्यूरीफायर बेच चुके हैं।’

पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण से अछूटे उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में भी एयर प्यूरीफायर की बिक्री बढ़ी है। लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक दीपक पाहवा ने कहा, ‘एयर प्यूरीफायर की मांग में तेजी इस बात का संकेत है कि लोग स्वास्थ्य और हवा की गुणवत्ता के प्रति सजग हो रहे हैं। विशेष रूप से स्मार्ट फीचर्स वाले प्रीमियम और मिड-रेंज मॉडल की बिक्री अ​धिक है।’ लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स का कारोबार जयपुर, जबलपुर और इंदौर जैसे शहरों में फैला है।

खतरनाक हवा अब सिर्फ समस्या पैदा नहीं कर रही, यह जान पर भारी पड़ रही है। साल दर साल इससे गंभीर बीमारियों या मौत का खतरा बढ़ता जा रहा है। हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट और इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स ऐंड इवैल्यूएशन के आंकड़ों से पता चला है कि देश में सन 2000 के बाद से वायु प्रदूषण से जुड़ी मौतों में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उस समय प्रदूषण जनित समस्याओं से 14 लाख लोगों की जान जाती थी। इसके बाद 2021 में दक्षिण एशिया में इससे 26 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें 21 लाख अकेले भारत में थीं।

First Published : November 27, 2025 | 11:10 PM IST