प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
उड़ान योग्यता की मियाद खत्म हो चुके लाइसेंस वाले विमान को आठ वाणिज्यिक उड़ानों में चलाने देने में शामिल रहे एयर इंडिया के अधिकारियों को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की जांच पूरी होने तक डी-रोस्टर (ड्यूटी से हटाना) कर दिया गया है। नियामक ने आज यह जानकारी दी।
विमानन कंपनी के 164 सीट वाले एयरबस ए320 विमान के एयरवर्थनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (एआरसी) की मियाद खत्म हो चुकी थी। इस विमान ने 24 से 25 नवंबर के दौरान आठ बार उड़ान भरी। नियामक ने बयान में बताया कि यह पूरी गंभीर सुरक्षा चूक असल में कैसे हुई। डीजीसीए ने कहा, ‘डेलिगेटेड अथॉरिटी (सीएएमओ) के तहत एयर इंडिया अपने परिचालन वाले विमान के लिए एआरसी जारी करती है। किसी विमान के रखरखाव के रिकॉर्ड, फिजिकल कंडीशन और सभी उड़ान योग्यता मानकों के अनुपालन की सत्यता जांच-पड़ताल के बाद एआरसी हर साल जारी किया जाता है। यह विमान के मुख्य सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्थनेस (सी ऑफ ए) के प्रमाणन का काम करता है।’ एयर इंडिया के अंदर कंटीन्यूइंग एयरवर्थनेस मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन (सीएएमओ) सी ऑफ ए को चालू रखने के लिए हर साल एआरसी जारी करता है।
साल 2024 में जब विस्तारा का एयर इंडिया में विलय किया गया, तो यह तय किया गया था कि विस्तारा के सभी 70 विमानों के विलय के बाद पहले एआरसी की समीक्षा और नवीकरण नियामक खुद करेगा, न कि एयर इंडिया के अंदर डेलीगेटेड अथॉरिटी।
नियामक ने बताया, ‘परिचालक द्वारा संतोषजनक अनुपालन किए जाने के बाद डीजीसीए अब तक सभी 69 विमानों के लिए एआरसी जारी कर चुका है। 70वें विमान के मामले में परिचालक ने डीजीसीए में एक आवेदन किया और बाद में इंजन बदलने के लिए विमान को खड़ा कर दिया गया। इस दौरान एआरसी की मियाद खत्म हो गई। हालांकि, इंजन बदलने के बाद विमान को सेवा के लिए भेज दिया गया।’ इस विमान का इस्तेमाल 24 और 25 नवंबर के बीच 8 उठानों के संचालन के लिए किया गया था।