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पुतिन की भारत यात्रा: व्यापार असंतुलन, रक्षा सहयोग और श्रमिक गतिशीलता पर होगी अहम चर्चा

2021 के बाद भारत की अपनी पहली यात्रा में पुतिन गुरुवार को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में ​शिरकत करने राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- December 02, 2025 | 11:17 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों का मुख्य ध्यान भारत-रूस के बीच व्यापार असंतुलन को कम करने पर होगा। इसके साथ ही दोनों देश शुल्क और गैर-शुल्क बाधा दूर करने के उपाय भी तलाशेंगे। इस दौरान भारत के कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के रूस आने-जाने को सुविधाजनक बनाने और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग बढ़ाने सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

2021 के बाद भारत की अपनी पहली यात्रा में पुतिन गुरुवार को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में ​शिरकत करने राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। अमेरिकी शुल्क को देखते हुए पुतिन की यात्रा महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत-रूस गतिशीलता समझौते पर पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि यह 2024 में पिछले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से सबसे महत्त्वपूर्ण विकास है।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने आज कहा कि पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोनों प्रतिनिधिमंडल द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा करेंगे।

अमेरिकी शुल्क के कारण हाल के हफ्तों में रूसी कच्चे तेल का भारत का आयात कम हुआ है। पिछले महीने से रूस ने भारत से आलू और अनार का आयात शुरू कर दिया है और समुद्री उत्पादों का भी आयात करने की योजना है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि व्यापार घाटे पर भारत की चिंताओं को दूर करना, छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों में सहयोग और रक्षा और ऊर्जा संबंधों के विस्तार पर चर्चा हो सकती है।

First Published : December 2, 2025 | 11:00 PM IST