स्वास्थ्य सुविधा रजिस्टर (एचएफआर) में पंजीकृत अस्पतालों के मामले में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हैं। यह जानकारी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) डैशबोर्ड के आंकड़ों से मिली है। लेकिन, नैशनल हेल्थ रिसोर्स रिपोजिटरी (एनएचआरआर) डेटा के अनुसार दो सुविधाएं मिलनी चाहिए उसमें इन पांच में से तीन राज्य पीछे हैं। एनएचआरआर की स्थापना साल 2018 में देश भर के सभी सार्वजनिक और निजी अस्पतालों के आंकड़े एकत्रित करने के लिए की गई थी।
एचएफआर स्वास्थ्य सुविधाओं की एक नई रिपॉजिटरी है, जिसका मकसद देश के सार्वजनिक और निजी अस्पतालों का एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य रजिस्टर तैयार करना है। इनमें अस्पताल, क्लिनिक, डायग्नोस्टिक लैबोरेटरीज, इमेंजिंग सेंटर और फार्मेसियां शामिल हैं।
एचएफआर में पंजीकृत अस्पतालों के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में कर्नाटक और राजस्थान ने एनएचआरआर डेटाबेस के तहत 50 फीसदी से अधिक संस्थानों को कवर किया है। सही मायने में कर्नाटक की एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां एनएचआरआर डेटा के अनुसार देश में सर्वाधिक 60,711 पंजीत अस्पताल और एनएचआरआर डेटा के मुताबिक 100 फीसदी सेवाएं मिल रही हैं। उसके बाद त्रिपुरा 81.2 फीसदी और छत्तीसगढ़ 69.1 फीसदी का स्थान है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश 59,438 पंजीकृत अस्पतालों के साथ पूर्ण संख्या के मामले में दूसरा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करना वाला राज्य है, लेकिन एनएचआरआर डेटासेट में राज्य की 1,78,715 स्वास्थ्य सुविधाओं में से केवल 33.3 फीसदी इसे कवर करते हैं। इसी तरह, महाराष्ट्र के 14.7 फीसदी और आंध्र प्रदेश के 48.9 फीसदी पंजीकृत अस्पताल इसे कवर करते हैं।
सूची में सबसे नीचे ओडिशा, तमिलनाडु और दिल्ली का स्थान है, जहां इन सुविधाओं का स्तर सबसे कम है। दिल्ली में एनएचआरआर डेटासेट में 37,288 अस्पताल हैं, जिनमें से 1,590 अथवा 4.3 फीसदी ही सुविधाएं देते हैं। तमिलनाडु के लिए कवरेज दर 2.3 फीसदी है। वहां 73,941 अस्पतालों में से महज 1,694 अस्पतालों में एनएचआरआर डेटा के तहत सुविधाएं दी जाती हैं। ओडिशा में कुल 16,867 अस्पतालों में सिर्फ 6 अस्पतालों में ही सुविधाएं मिलती है, जिससे प्रदेश आखिरी स्थान पर है।