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पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग, बंद किया काम; अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

इससे एक दिन पहले भी उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि चिकित्सकों को बाह्य रोगियों और अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज समेत सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

Last Updated- October 01, 2024 | 10:54 PM IST
Junior doctors in West Bengal demand to ensure safety, stop work; indefinite strike begins पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग, बंद किया काम; अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों ने सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से मंगलवार को फिर से अनिश्चितकाल के लिए काम पूरी तरह बंद कर दिया। इससे एक दिन पहले भी उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि चिकित्सकों को बाह्य रोगियों और अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज समेत सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

चिकित्सकों ने मंगलवार सुबह से अनिश्चितकालीन के लिए पूरी तरह काम बंद करने के अपने निर्णय की घोषणा करने से पहले सोमवार को लगभग पूरी रात शासी निकाय की बैठक की। कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। चिकित्सकों ने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में काम बंद कर दिया था।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में शामिल अनिकेत महतो ने कहा, ‘हमें सुरक्षा की हमारी मांगों को पूरा करने को लेकर राज्य सरकार का कोई सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं दिख रहा। आज (विरोध प्रदर्शन का) 52वां दिन है और हम पर अब भी हमले हो रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठकों के दौरान किए गए अन्य वादों को पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। मौजूदा स्थिति में हमारे पास आज से काम पूरी तरह बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक राज्य सरकार इन मांगों पर स्पष्ट कार्रवाई नहीं करती, तब तक कार्य पूरी तरह बंद रहेगा।’

सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मंगलवार को काम पूरी तरह बंद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों को आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट), ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) और आपातकालीन सेवाओं में लगाया गया है।

कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने बुधवार को मध्य कोलकाता में ‘कॉलेज स्क्वायर’ से धर्मतला तक मार्च निकालने का आह्वान किया है तथा सभी वर्गों के लोगों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने आरजी कर अस्पताल की चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की ‘धीमी गति’ पर भी निराशा व्यक्त की।

First Published - October 1, 2024 | 10:54 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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