देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में सोमवार को मॉक ड्रिल यानी पूर्वाभ्यास किया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए देश की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी तैयार है।
रोजाना मिलने वाले मामलों की संख्या भी बढ़कर 5,880 हो गई है। दिल्ली समेत कई राज्यों ने आने वाले दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ने को लेकर अपने नागरिकों को आगाह किया है। मुंबई नगर निगम ने अपने सभी अस्पतालों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।
मॉक ड्रिल के दौरान अस्पतालों में दवाइयों की खेप, एक्स-रे मशीनें, ऑक्सीजन की आपूर्ति और पीपीई के स्टॉक की जांच की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में चल रहे मॉक ड्रिल का जायजा लिया, वहीं अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी अपने-अपने प्रदेश के अस्पतालों का निरीक्षण किया।
सोमवार को देश भर में दैनिक संक्रमण दर (टीपीआर) 6.91 फीसदी दर्ज की गई। जबकि केरल के 14 जिलों में से 10 जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है। आरएमएल अस्पताल के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री मांडविया ने वहां के विभागाध्यक्षों और अन्य कर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत भी की। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मियों के साथ वक्त बिताया और उनके सुझाव जाने।
सोमवार को सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 35,199 पहुंच गई और पिछले 24 घंटे में 14 लोगों की मौत की भी सूचना मिली है। सोमवार तक देश में कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 5,30,979 हो गई है। सोमवार और मंगलवार को देशव्यापी मॉक ड्रिल कराने का फैसला 7 अप्रैल को हुई कोविड की समीक्षा बैठक में लिया गया था। इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान सचिवों और अतिरिक्त मुख्य सचिवों ने भी हिस्सा लिया था।
रविवार तक केरल में कोरोना के सर्वाधिक 12,000 से अधिक मरीज थे। इसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली का स्थान था। रविवार को महाराष्ट्र में 926 से अधिक नए मामले मिले थे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली घनी आबादी वाला शहर है। मामले बढ़ेंगे और बहुत से लोगों को फ्लू और इन्फ्लूएंजा जैसे खांसी और बुखार के लक्षण दिखेंगे पर वे ठीक हो जाएंगे।’
हरियाणा, केरल और पुदुच्चेरी जैसे राज्यों ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है जबकि बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने सभी बीएमसी अस्पतालों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। बीएमसी ने अपने सभी कर्मियों को भी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों से इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआई) के मामलों के बढ़ते रुझानों पर नजर रखने, जांच और टीकाकरण बढ़ाने तथा अस्पतालों के बुनियादी ढांचा की तैयारी सुनिश्चित कर ऐसे आपात हॉटस्पॉट की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। तमिलनाडु में, स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन ने चेन्नई के राजीव गांधी जनरल अस्पताल में चल रहे मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया और विभिन्न जिलों में अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।
सुब्रमण्यन ने कहा, ‘कोरोनावायरस की तीसरी लहर पिछली लहरों जैसी खतरनाक नहीं है, इसलिए आईसीयू और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। ओमीक्रोन के दूसरे रूपों का प्रसार पूरे देश में देखा जा रहा है।’
राज्यों के साथ की गई समीक्षा बैठक में कहा गया था कि पता चला है कि एक्सबीबी 1.16 वर्तमान में कोरोनावायरस का सबसे प्रचलित रूप है मगर यह गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा है। निजी अस्पताल भी कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए मुस्तैद हैं।
फोर्टिस हेल्थकेयर के चिकित्सा रणनीति और संचालन के समूह विष्णु पाणिग्रही ने कहा, ‘देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि अभी अस्पतालों में काफी कम संख्या में मरीज भर्ती हैं फिर भी हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और कोविड अनुरूप व्यवहार करना चाहिए। हमने फोर्टिस में अपनी तैयारी का जायजा लिया है। मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने पर वैसे आपातकालीन क्षेत्र चिह्नित कर लिए गए हैं जहां संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाएगा। हमने पीपीई किट, दवाइयां और ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की। जिन लोगों ने अब तक टीके की एहतियाती खुराक नहीं ली है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द ले लें।’