भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने रविवार को खाद्य पदार्थों के माइक्रो प्लास्टिक से दूषित होने की जांच के लिए एक परियोजना की शुरुआत की है। यह परियोजना इस साल मार्च में विभिन्न खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म और नैनो-प्लास्टिक का पता लगाने के लिए विश्लेषणात्मक तरीकों को विकसित करने और भारत में उनके प्रसार और जोखिम का स्तर जांचने के लिए शुरू की गई थी।
खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने हाल ही में चीनी और नमक जैसे सामान्य खाद्य पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक होने की जानकारी दी थी।
एफएसएसएआई ने एक बयान में कहा है, ‘वैश्विक अध्ययनों में विभिन्न खाद्य पदार्थों में माइक्रो प्लास्टिक होने के बारे में बताया गया है, लेकिन भारत के लिए विश्वसनीय डेटा तैयार करना भी जरूरी है।’
इस परियोजना से भारतीय खाद्य पदार्थों में माइक्रो प्लास्टिक से दूषित होने की सीमा को समझने में मदद मिलेगी और सार्वजनिक स्वास्थ्य की संरक्षा के लिए प्रभावी नियमों और सुरक्षा मानकों के बारे में भी पता चलेगा।