दिल्ली में कोरोना मामले बढ़ने लगे हैं। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण दर में इजाफा हो रहा है और यह बढ़कर 9 फीसदी पार कर गई है। सक्रिय मरीजों की संख्या भी 500 से ऊपर चली गई है। हालांकि कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है, जो राहत की बात है।
जानकारों के मुताबिक भले संक्रमण दर तेजी से बढ़ी हो, लेकिन अभी घबराने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि सतर्क और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने की तैयारियों का आकलन करने के लिए रविवार को मॉक ड्रिल की गई थी।
कोरोना संक्रमण दर 9 फीसदी पार
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के 26 मार्च के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में 1,675 लोगों की कोरोना जांच की गई। जिसमें से 153 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। कोरोना संक्रमण दर 9.13 फीसदी दर्ज की गई। कोरोना के कारण किसी भी मरीज को जान नहीं गंवानी पडी। इस महीने ज्यादातर दिन कोरोना के रोजाना मामले 100 से कम ही आ रहे थे। लेकिन बीते 4 से 5 दिन से मामले बढ़कर अब 100 से 150 के बीच आने लगे हैं। 23 मार्च को 117 मामले दर्ज किए थे और संक्रमण दर 4.95 फीसदी रही।
सक्रिय मरीजों की संख्या बढकर 500 पार
कोरोना मामले बढ़ने के साथ सक्रिय मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। 23 मार्च को सक्रिय मरीजों की संख्या 346 थी। अब संक्रमण दर बढ़कर 9.13 फीसदी और सक्रिय मरीजों की संख्या बढकर 523 हो गई है। संक्रमण दर भले तेजी से बढ़कर रही हो लेकिन राहत की बात ये है कि अस्पताल में मरीज भर्ती करने की नौबत कम आ रही है। इस समय दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के लिए 7,984 बेड आरक्षित है। इनमें से 7,945 बेड खाली पड़े हैं यानी आधा फीसदी भी बेड भरे नहीं हैं।
सावधानी बरतें, घबराने की जरूरत नहीं
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अश्विन डालमिया कहते हैं कि दिल्ली में संक्रमण दर का तेजी से बढ़ना चिंताजनक तो है। लेकिन अभी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी कोई नया वेरिएंट नहीं आया है और मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। साथ ही कोरोना मामले अभी बहुत ज्यादा नहीं है। एहतियात के तौर पर लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय मसलन मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का प्रयोग, भीड़ में जाने से बचना आदि अपनाने पर जोर देना चाहिए।