facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

देश में शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ पार, कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 54.2 प्रतिशत

महिला शिक्षकों की बढ़ती उपस्थिति के कारण लड़कियों के नामांकन में वृद्धि हुई है, जो 2024-25 में सभी नए नामांकनों का 48.3 प्रतिशत है

Last Updated- August 28, 2025 | 11:19 PM IST
One Nation One Student ID

देश में शिक्षकों की कुल संख्या किसी भी शैक्षणिक वर्ष में पहली बार 1 करोड़ को पार कर गई है। यह जानकारी 2024-25 के लिए शिक्षा मंत्रालय की एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (यूडाइज प्लस) की रिपोर्ट में दी गई है। इसमें सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों के शिक्षक शामिल हैं।

यह उपलब्धि ऐसे समय आई है जब शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में महिला शिक्षकों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। अब कुल शिक्षक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 54.2 प्रतिशत हो गई है जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा 46.9 प्रतिशत पर ही था।  शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 2014 से अब तक कुल 51.4 लाख शिक्षकों की भर्ती की गई है, जिनमें से 61 प्रतिशत महिलाएं हैं।

अधिकारियों ने संकेत दिया कि महिला शिक्षकों की बढ़ती उपस्थिति के कारण लड़कियों के नामांकन में वृद्धि हुई है, जो 2024-25 में सभी नए नामांकनों का 48.3 प्रतिशत है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 48.1 प्रतिशत था। लेकिन रिपोर्ट में छात्रों के कुल नामांकन में गिरावट दर्ज की गई है, जो 2022-23 में 25.17 करोड़ से घटकर 2024-25 में 24.69 करोड़ रह गई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि यह गिरावट प्राथमिक विभागों (कक्षा 1 से 5) में प्रवेश के प्रतिशत में गिरावट के साथ आई है। कक्षा 1 से 5 तक दाखिले 2022-23 में 48.7 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 48 प्रतिशत रह गई है।

First Published - August 28, 2025 | 11:01 PM IST

संबंधित पोस्ट