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आयुर्वेद भारत में सबसे लोकप्रिय: 45.5% शहरी लोग करते हैं इसका इस्तेमाल

95% ग्रामीण और 96% शहरी लोग आयुष के बारे में जानते हैं

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संकेत कौल   
Last Updated- June 13, 2024 | 9:21 PM IST

भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का चलन काफी मजबूत है। आयुष (Ayush) – आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी – इन छह प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों का देशभर में खूब इस्तेमाल होता है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में करीब 46% ग्रामीण और 53% शहरी लोगों ने बीमारियों से बचाव या इलाज के लिए किसी न किसी आयुष पद्धति का सहारा लिया। इनमें से सबसे ज्यादा लोकप्रिय आयुर्वेद है। ग्रामीण क्षेत्रों में 40.5% और शहरों में 45.5% लोगों ने इलाज के लिए आयुर्वेद को चुना।

एक सर्वे को मुताबिक, पिछले एक साल में आयुष का इस्तेमाल करने वालों ने कई कारण बताए। इनमें सबसे अहम रहीं – आयुर्वेद जैसी पारंपरिक दवाओं का ज्यादा कारगर होना, इनके कम साइड इफेक्ट्स होना, मरीज की जरूरत के हिसाब से इलाज मिलना और पहले के अच्छे अनुभव।

सर्वे में ये भी पता चला है कि भारत में 15 साल से ज्यादा उम्र के करीब 95% ग्रामीण आयुष के बारे में जानते हैं, जबकि शहरों में ये आंकड़ा 96% है। इतना ही नहीं, सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण और शहरी भारत में क्रमशः 79% और 80% घरों में कम से कम एक व्यक्ति को औषधीय पौधों और घरेलू दवाओं की जानकारी है।

सरकारी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में करीब 24% घरों में कम से कम एक व्यक्ति को लोक चिकित्सा या लोकल इलाज पद्धतियों की जानकारी है। ये जानकारी राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा July 2022 से June 2023 तक कराए गए पूरे भारत में आयुष को लेकर किए गए पहले सर्वे का हिस्सा है।

ये सर्वे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के 79वें दौर का हिस्सा था। इस सर्वेक्षण में पूरे देश को कवर किया गया था, जिसमें 181,298 घरों से जानकारी जुटाई गई थी, जिनमें 104,195 ग्रामीण क्षेत्रों और 77,103 शहरी क्षेत्रों के घर शामिल थे।

First Published : June 13, 2024 | 9:13 PM IST