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Ram Temple flag hoisting: प्रधानमंत्री मोदी ने श्री राम मंदिर ​शिखर पर फहराई धर्मध्वजा

10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबे ध्वज पर ‘‘भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ओम लिखा है

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- November 25, 2025 | 12:57 PM IST

Ram Temple flag hoisting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर शिखर पर औपचारिक रूप से धर्म ध्वजा फहराई। मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार और ”जय श्री राम” के नारों की गूंज के बीच भगवा ध्वज फहराया। इस अनुष्ठान के साथ ही मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की ‘विवाह पंचमी’ के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया। ध्वजारोहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

500 साल पुराना संकल्प पूरा हो रहा है: PM Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह में कहा कि सदियों के घाव और दर्द आज भर रहे हैं और 500 साल पुराना संकल्प पूरा हो रहा है। अयोध्या अपने इतिहास में एक और अहम घटना देख रही है; पूरा देश, दुनिया भगवान राम में डूबी हुई है। यह पवित्र ध्वज इस बात का सबूत होगा कि आखिर में झूठ पर सत्य की जीत होती है।

उन्होंने कहा, ‘मैं इस खास मौके पर राम भक्तों को बधाई देता हूं, उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में दान दिया या किसी भी तरह से मदद की।’ आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। 2047 तक जब हम भारत की आजादी के 100 साल पूरे कर लेंगे, तो हमें एक विकसित भारत बनाना होगा।

एक नए युग की शुरुआत: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण को “एक नए युग की शुरुआत” बताया। उन्होंने इस कार्यक्रम में मौजूद रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत तथा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का धन्यवाद किया। आगंतुकों को संबोधित करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान राम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की “आस्था, सम्मान और आत्म-गौरव” का प्रतीक है। उन्होंने इसके निर्माण में योगदान देने वाले सभी “कर्मयोगियों” का दिल से आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि यह दिन ‘‘उन संतों, योद्धाओं और राम भक्तों की “अटूट भक्ति” को समर्पित है जिन्होंने इस आंदोलन और लंबे संघर्ष के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, जिसका नतीजा मंदिर के निर्माण के रूप में सामने आया।’’ आदित्यनाथ ने कहा कि जब 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने देश का नेतृत्व संभाला था, तो लाखों लोगों के दिलों में “संकल्प और विश्वास का सूरज” जगा। उन्होंने कहा, “आज, वह संकल्प इस भव्य राम मंदिर के रूप में सभी भारतीयों और भक्तों के सामने पूरा हुआ है।” उन्होंने कहा कि राम मंदिर के ऊपर फहरा रहा ध्वज सच्चाई, न्याय, गरिमा और राष्ट्रीय धर्म का प्रतीक है।

आदित्यनाथ ने कहा, “यह एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को भी दिखाता है, क्योंकि संकल्प का कोई विकल्प नहीं है, और पिछले 11 सालों में हम सभी ने एक बदलते भारत को देखा है। हम एक ऐसा भारत देख रहे हैं जहां विरासत और विकास पूरे तालमेल के साथ मौजूद हैं, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।” उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अटूट विश्वास बना रहा, और जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व में संघर्ष शुरू हुआ, तो पूरे आंदोलन में एक ही संकल्प गूंजा: “रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे… लाठी-गोली खाएंगे, पर मंदिर वहीं बनाएंगे।” आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय था जब अयोध्या को नज़रअंदाज़ किया जाता था और यहां अव्यवस्था थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, यह अब “वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी” में बदल गया है।

कैसा है धर्मध्वज

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबे ध्वज पर ‘‘भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ओम लिखा है। उसने कहा कि भगवा ध्वज ‘‘रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।’’

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस समारोह के साथ राम मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया। यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया, जबकि मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा (दक्षिण भारतीय वास्तु शैली में डिजाइन किया गया घेरा) मंदिर की शिल्पविविधता को दिखाता है। भगवा रंग अग्नि और उदयमान सूर्य का प्रतीक है- जो त्याग, समर्पण और ऊर्जा का द्योतक है।

दीवारों पर श्री राम के 87 प्रसंग पत्थरों पर उकेरे गए

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 प्रसंग बारीकी से पत्थरों पर उकेरे गए हैं। घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग अंकित हैं। इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी सप्त मंदिर पहुंचे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाये। मोदी ने मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन किये। उन्‍होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पहुंचकर भगवान राम लला की आरती और पूजन किया।

First Published : November 25, 2025 | 12:34 PM IST