कॉरपोरेट प्रशासन की हमारी समझ बदल गई है। पूर्व में हम कॉरपोरेट प्रशासन को एक ऐसी व्यवस्था के रूप में देखते थे जो सुनिश्चित करती थी कि मैनेजर (सीईओ और उसकी टीम) निजी लाभ के लिए निर्णय नहीं लेते और शेयरधारकों की संपत्ति पर कब्जा नहीं जमाते। लेकिन अब हम कॉरपोरेट प्रशासन को बड़े पैमाने […]
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विनिमय नियंत्रण नियमितताओं के प्रमुख विनियंत्रण के तहत वर्ष 2004 में सीमा-पार लेन-देन, जिसमें भारतीय कंपनियों का शेयर हस्तानांतरण भी शामिल है, के लिए बैंकों को अधिकृत डीलरों के रूप में चुना गया। यह कुछ खास क्षेत्रों और विशेष मामलों को छोड़ कर एफआईपीबी और आरबीआई स्वीकृति के बगैर ऑटोमेटिक रूट के तहत हुआ। लेन-देन […]
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पिछले सप्ताह कृषि और गैर-कृषि बाजार पर मध्यस्थता सूमहों के प्रमुखों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में गतिरोध समाप्त करने और दोहा डेवलपमेंट राउंड (डीडीआर) को आगे बढ़ाने के लिए संशोधित वार्ता दस्तावेज जारी किए। संशोधित दस्तावेजों ने आगामी सप्ताहों में कार्य में तेजी लाने के लिए एक मंच मुहैया कराया है। डब्ल्यूटीओ के कुछ […]
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उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के अनुसार टैक्स रिकवरी ट्रिब्यूनल के रिकवरी ऑफिसर को यह अधिकार नहीं है कि वह दिवालियेपन की स्थिति में किसी कंपनी की संपत्ति की बिक्री सुनिश्चित करे, तब जब कि कंपनी ने एक ऑफिशियल लिक्वीडिटेर नियुक्त किया हो। यही वजह है कि उच्चतम न्यायालय ने एम वी जनार्दन रेड्डी बनाम […]
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भारतीय रिजर्व बैंक की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी, जिसमें आरबीआई के एक आदेश पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश जारी किया था। रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में सहारा समूह की पैरा-बैंकिंग कंपनी को ताजा जमा स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह अपील न्यायमूर्ति अरिजित पसायत की […]
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विदेशी डेरिवेटिव उपकरणों (जिन्हें आम तौर पर ‘पार्टिसिपेटरी नोट्स’ या ‘पी नोट्स’ कहा जाता है) पर नियंत्रण करने वाले भारतीय प्रतिभूति कानूनों की गाथा में हाल ही में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रतिभूति अपील न्यायाधिकरण (सैट) ने अपने निर्णय में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उस निर्देश को गलत ठहराया है, […]
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते सहकारी समितियों में जमा घोटाले से बचने के लिए एक फॉर्मूला सुझाया। यह फैसला गुजरात की गोधरा नागरिक सहकारी साख समिति लिमिटेड बनाम इंडियन बैंक मामले के आलोक में आया। सहकारी समिति ने कुछ राशि बतौर सावधि जमा (फिक्स्ड डिपोजिट) इंडियन बैंक में जमा की थी। इस राशि को बैंक […]
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फ्रिंज बेनीफिट टैक्स (एफबीटी) एक नया नाम है, जो वित्त अधिनियम 2005 के तहत लागू किया गया है। इसमें कुछ निश्चित फायदों के रूप में कर्मचारियों को मिल रहे कुल धन पर कर लगाया जाता है। आर ऐंड बी फाल्कन प्राइवेट लिमिटेड के मामले में (169 टैक्समैन 515) अपने हाल के फैसले में माननीय सर्वोच्च […]
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कंपनी मामलों का मंत्रालय (एमसीए) कंप्यूटर सक्षम यानी ‘ई-इनेबल’ बनाने वाली अपनी मुख्य परियोजना ‘एमसीए-21’ की शानदार सफलता के बाद कॉरपोरेट रिपोर्टिंग के सरलीकरण और उसे पारदर्शी बनाने के लिए भी कमर कस चुका है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए वह कंपनी अधिनियम की अनुसूची 6 में सुधार करने और उसे सरल बनाने की […]
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अपर्याप्त कोष के चलते किसी कंपनी के प्रभारी, प्रबंध निदेशक या निदेशक समेत शीर्ष अधिकारियों के हस्ताक्षर वाला कोई चेक बाउंस हो जाता है तो इसके लिए उनके खिलाफ अभियोजन चलाया जा सकता है। चेक बाउंस के एक मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा कि चेक […]
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