facebookmetapixel
MCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असरIPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौका

शिपिंग कॉरपोरेशन की संपत्तियां अलग करने की सुनवाई पूरी

Last Updated- January 02, 2023 | 11:51 PM IST
Cathay Cargo

कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) की प्रमुख और गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने के प्रस्ताव (डीमर्जर) पर अपनी अंतिम सुनवाई पूरी कर ली है।
सूत्रों का कहना हैं कि मंत्रालय इस योजना को अपनी मंजूरी दे सकता है जिससे शिपिंग कॉर्पोरेशन में केंद्र को अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश करने में मदद मिलेगी। हालांकि अभी इस पर फैसले का इंतजार है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘एससीआई की गैर प्रमुख संपत्तियों को प्रमुख संपत्ति से अलग करने की योजना पर मंजूरी हासिल करने का मामला एमसीए के पास था। हमने पिछले गुरुवार को सुनवाई की और यह काम पूरा किया जा चुका है। हालांकि आदेश अभी सुनाया जाना है।’

रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के हिस्से के रूप में सरकार ने एससीआई के शिपिंग हाउस, प्रशिक्षण संस्थान और कुछ अन्य गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने का प्रस्ताव दिया था। विभाजन की संशोधित योजना के तहत फर्म के अधिशेष नकदी से 1,000 करोड़ रुपये को गैर-प्रमुख फर्मों को सूचीबद्ध व्यवसाय से अलग करने का प्रस्ताव दिया है। विभाजन की मूल योजना में शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की मूल संपत्ति से 450 करोड़ रुपये शिपिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लैंड ऐंड ऐसेट्स लिमिटेड को दिया जाना शामिल था।

एमसीए को संशोधित विभाजन योजना की जांच करने का काम सौंपा गया था। एमसीए द्वारा संशोधित योजना पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद इसे प्रभावी बनाने के लिए कंपनी रजिस्ट्रार के पास भेजा जाएगा। अधिकारी ने बताया, ‘मंत्रालय ने प्राप्त प्रतिक्रियाओं और आपत्तियों की विस्तार से जांच की थी और देखा था कि क्या एससीआई अपनी गैर-प्रमुख कंपनी को 1,000 करोड़ रुपये की अधिशेष नकदी के हस्तांतरण के बाद देयता को समाप्त करने में सक्षम होगा या नहीं।’

दिसंबर 2020 में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने प्रबंधन के हस्तांतरण के साथ-साथ एससीआई में सरकार की 63.75 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे। हालांकि, शिपिंग कॉर्प की प्रमुख और गैर-प्रमुख संपत्तियों के विभाजन से जुड़ी योजना सामने आने के बाद हिस्सेदारी बिक्री योजना में देरी हुई है।

मंत्रालय ने अप्रैल 2022 में एससीआई को निर्देश दिया था कि वह एससीआईएल को अपनी गैर-प्रमुख संपत्तियों के डीमर्जर की प्रक्रिया में तेजी लाए और साथ ही बोर्ड से अनुरोध किया कि शिपिंग हाउस, मुंबई और समुद्री प्रशिक्षण संस्थान (एमटीआई), पवई सहित गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने के लिए डीमर्जर योजना की समीक्षा करें। 2021 में, सरकार को शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के निजीकरण के लिए कई बोलियां मिली थीं। कैबिनेट ने नवंबर 2020 में शिपिंग कॉर्प के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। एससीआई का निजीकरण अब अगले वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है।

First Published - January 2, 2023 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट