facebookmetapixel
H1B visa fee: ‘स्टेटस’ बदलवाने पर नहीं लगेगा शुल्कसाने ताकाइची जापान की पहली महिला पीएम, शिगेरु इशिबा का स्थान लियासंवत 2081 में व्यापार पर टकराव से रुपये पर आया दबाव, 4.36% तक टूटासंवत 2082 में दर कटौती और व्यापार वार्ता से तय होगी रुपये व बॉन्ड की चालसरकार के उपायों से बल, बैंकों के ऋण वितरण में दूसरी छमाही में दिखेगी रफ्तारदीवाली पर बिक्री 5.40 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, स्वदेशी वस्तुओं की मांग ज्यादामुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स व निफ्टी लगातार 8वें साल लाभ में रहे, आगे भी तेजी के आसारकारोबार में अस्थायी रुकावट का अर्थ कारोबारी गतिवि​धि बंद होना नहीं: सुप्रीम कोर्टएचसीएलटेक बनी सबसे तेजी से बढ़ने वाली आईटी सेवा कंपनी, दूसरी तिमाही में 4.6% वृद्धि दर्ज कीस्काई एयर को ड्रोन के जरिये 3 लाख ऑर्डर डिलिवरी की उम्मीद

ASCI का सख्त निर्देश, मीडिया कंपनियों को सोशल मीडिया पोस्ट पर ‘पेड प्रमोशन’ का स्पष्ट खुलासा करना होगा

कई प्रतिष्ठित मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन इस तरह पेश किए जा रहे हैं कि वे संपादकीय कंटेंट (editorial content) प्रतीत होते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भ्रम होता है।

Last Updated- August 13, 2025 | 7:31 PM IST

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने बुधवार को एक अहम कदम उठाते हुए मीडिया कंपनियों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किए गए सभी पेड या स्पॉन्सर्ड पोस्ट को स्पष्ट रूप से लेबल करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं को भ्रामक और छिपे हुए विज्ञापनों से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है।

ASCI ने अपने आचार संहिता (Code of Conduct) में एक नया खंड जोड़ा है, जिसके तहत किसी भी प्रमोटेड कंटेंट को पोस्ट की शुरुआत में ही ‘Advertisement’, ‘Partnership’, ‘Ad’, ‘Free Gift’, ‘Sponsored’, ‘Collaboration’, या ‘Platform Disclosure Tags’ जैसे लेबल के साथ दर्शाना अनिवार्य होगा।

ASCI के अनुसार, हाल के महीनों में उपभोक्ताओं से यह शिकायतें मिली थीं कि कई प्रतिष्ठित मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन इस तरह पेश किए जा रहे हैं कि वे संपादकीय कंटेंट (editorial content) प्रतीत होते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भ्रम होता है। इस बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए, परिषद ने पारदर्शिता बनाए रखने और मीडिया ब्रांड्स की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम उठाया है।

ASCI की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, “कई मीडिया कंपनियां नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर संपादकीय सामग्री पोस्ट करती हैं। लेकिन अब हम देख रहे हैं कि बिना या अस्पष्ट डिस्क्लोज़र के विज्ञापन भी ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि, “उपभोक्ताओं को यह जानने का पूरा अधिकार है कि वे जो कंटेंट देख रहे हैं वह प्रमोशनल है या संपादकीय। मीडिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह स्पष्टता अत्यंत आवश्यक है।”

Also Read | LIC में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, शुरू करेगी रोडशो; ₹14,000- ₹17,000 करोड़ की होगी कमाई

ASCI ने यह भी कहा कि आज के समय में डिजिटल मीडिया लोगों के लिए प्रमुख समाचार और जानकारी का स्रोत बन चुका है, ऐसे में यदि प्रमोशनल कंटेंट को संपादकीय सामग्री की तरह प्रस्तुत किया जाए तो यह उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है। ASCI ने स्पष्ट किया है कि यह नया नियम तुरंत प्रभाव से लागू होगा और सभी मीडिया कंपनियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर किसी भी पेड या स्पॉन्सर्ड कंटेंट के लिए स्पष्ट लेबलिंग का पालन करें।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

First Published - August 13, 2025 | 7:31 PM IST

संबंधित पोस्ट