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Trump Tariff: बड़े झटके का सामना करना पड़ सकता है भारतीय गारमेंट उद्योग को: CRISIL

क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक FY26 में भारतीय गारमेंट उद्योग में राजस्व वृद्धि मात्र 3-5% रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधी है। 

Last Updated- August 26, 2025 | 5:57 PM IST
Textile Industry

भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग, जो देश के सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं और निर्यातकों में से एक है, को इस साल एक बड़े झटके का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से भारतीय गारमेंट आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे उद्योग के लिए संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में इस क्षेत्र की राजस्व वृद्धि मात्र 3-5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधी है। अमेरिका का यह कदम भारतीय गारमेंट्स की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करेगा।

अप्रैल 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए 26% टैरिफ की घोषणा की थी, जो तुलनात्मक रूप से अनुकूल माना जा रहा था। लेकिन रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर उपजे तनाव के चलते अमेरिका ने रुख बदल लिया। अब भारत को 50% शुल्क देना होगा, जबकि बांग्लादेश और वियतनाम को 20% और चीन को 30% शुल्क देना होगा। यह टैरिफ दो भागों में है — 25% पहले से लागू है, जबकि अतिरिक्त 25% 27 अगस्त से लागू होगा। क्रिसिल का मानना है कि यह वृद्धि भारत की मूल्य प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर देगी। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा गारमेंट निर्यात बाजार है, जो FY24 में $16 बिलियन के निर्यात का लगभग एक-तिहाई हिस्सा था।

क्रिसिल रेटिंग्स के डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर मनीष गुप्ता ने कहा, “अगर ये टैरिफ लंबे समय तक जारी रहे, तो अमेरिका को होने वाला निर्यात काफी हद तक घट सकता है।” एजेंसी का अनुमान है कि FY26 में अमेरिका का योगदान भारत के गारमेंट निर्यात में घटकर 20-25% रह जाएगा, जो पिछले साल 33% था। वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी रही थी। अप्रैल-जून तिमाही में भारत के गारमेंट निर्यात में 10% वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें अमेरिका को निर्यात 14% बढ़ा। यह रफ्तार 26 अगस्त तक बनी रहने की उम्मीद है, लेकिन सितंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच भारी गिरावट की आशंका है।

₹45,000 करोड़ राजस्व वाली 120 कंपनियों के आधार पर क्रिसिल का विश्लेषण बताता है कि मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा।

  • अमेरिका पर ज्यादा निर्भर कंपनियों के मुनाफे में 30-500 आधार अंकों तक की गिरावट हो सकती है। 
  • पूरे क्षेत्र में लाभप्रदता में 50-150 आधार अंकों की गिरावट का अनुमान है।
  • इंटरेस्ट कवरेज FY24 के 3.9 गुना से घटकर 3.5-3.7 गुना रह सकता है।
  • ऋण अनुपात (leverage ratio) बढ़कर 2.78 से 3.0-3.1 हो सकता है।

हालांकि निर्यात में गिरावट तय मानी जा रही है, लेकिन क्रिसिल का मानना है कि घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी, जो उद्योग के कुल राजस्व का लगभग 75% है। घरेलू मांग 8-10% की दर से बढ़ सकती है, जिसे मजबूत अर्थव्यवस्था, कम ब्याज दरें और कर छूट जैसे कारक समर्थन देंगे।

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क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाह ने कहा, “घरेलू मांग की यह मजबूती टैरिफ के झटके को कुछ हद तक कम करेगी, हालांकि कुल मिलाकर वृद्धि दर पिछले वर्ष की तुलना में कम रहेगी।” सरकार ने निर्यातकों को अमेरिका के विकल्प तलाशने का सुझाव दिया है।

यूरोपीय संघ, यूके और यूएई पहले से ही भारत के 45% गारमेंट निर्यात के बाजार हैं और यहां FY26 के दूसरे हिस्से में निर्यात बढ़ने की उम्मीद है।
हाल ही में भारत और यूके के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी बड़ी राहत ला सकता है।

क्रिसिल का कहना है कि अगर अमेरिका भविष्य में टैरिफ को फिर से 25% तक घटाता है, तो भारत के निर्यातक मूल्यवर्धित गारमेंट्स में अपनी प्रतिस्पर्धा तेज़ी से वापस पा सकते हैं। अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने का निर्णय भारतीय गारमेंट उद्योग के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। हालांकि घरेलू बाजार और वैकल्पिक निर्यात गंतव्यों से कुछ राहत की उम्मीद है, लेकिन उद्योग के लिए यह वित्त वर्ष बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।

First Published - August 26, 2025 | 5:57 PM IST

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