देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्लाज्मा थेरेपी की मांग लगातार बढ़ रही है जिसे देखते हुए दिल्ली, महाराष्ट्र तथा हरियाणा सरकार प्लाज्मा थेरेपी को लेकर कई कदम उठा रही है। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 से संक्रमित गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए प्लाज्मा बैंक स्थापित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि यह बैंक दिल्ली सरकार द्वारा संचालित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान में स्थापित किया जाएगा और चिकित्सकों तथा अस्पतालों को मरीज की जरूरत को देखते हुए प्लाज्मा के लिए यहां संपर्क करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और प्लाज्मा दान से जुड़ी जानकारियों को लेकर सरकार हेल्पलाइन भी स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी प्लाज्मा दान करने के इच्छुक होंगे, उनके लिए सरकार यात्रा का प्रबंध करेगी।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी-सह-परीक्षण परियोजना की शुरूआत की। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसे दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी पहल बताया। अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का नाम प्लेटिना रखा गया है जो दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी परियोजना होगी। इस परियोजना का मकसद कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का जीवन बचाना है। वहीं, हरियाणा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘आईसीएमआर से स्वीकृति मिलने के बाद हरियाणा कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अपने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा पद्धति की शुरुआत करेगा।’
महाराष्ट्र में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाया
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। राज्य में मौजूदा लॉकडाउन 30 जून को समाप्त हो रहा है। मुख्य सचिव अजय मेहता की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि मास्क, शारीरिक दूरी, सभाओं पर पाबंदी तथा अन्य नियमों का पालन जारी रहना चाहिए।
उप्र में हजारों सहायता केंद्र
उत्तर प्रदेश में 3,441 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 853 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविड-19 हेल्प डेस्क की स्थापना कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी विभागों एवं संस्थाओं के साथ निजी अस्पतालों में भी कोविड-19 हेल्प डेस्क स्थापित की जाएं।
पीपीई किट निर्यात की मिली अनुमति
सरकार ने कोविड-19 से जुड़ी चिकित्सा सामग्री ‘व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई)’ किट के निर्यात नियमों में थोड़ी छूट दी है। अब हर महीने 50 लाख पीपीई किट का कोटा तय किया गया है। परिधान निर्माताओं ने कहा है कि इससे भारतीय खिलाडिय़ों के लिए पूरा वैश्विक बाजार खुलेगा जो पीपीई किट के उत्पादन और आपूर्ति के इस मौके को पाने के लिए तेजी से काम कर रहे थे। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा है, ‘कोविड-19 इकाइयों के लिये 50 लाख पीपीई चिकित्सा उपकरण का निर्यात कोटा तय किया गया है। पीपीई चिकित्सा उपकरण निर्यात करने वाली पात्र इकाइयों के लिये निर्यात लाइसेंस जारी करने के लिए यह कोटा तय किया गया। इसके पात्रता मानदंडों के लिए अलग से व्यापार नोटिस जारी किया जाएगा।’ पीपीई किट से जुड़े अन्य हिस्से निषेध सूची में बने रहेंगे। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) अनुमान है कि पीपीई के लिए वैश्विक बाजार का आकार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से ज्यादा होगा। बीएस
