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GST @ 8 Years: वित्त वर्ष 2024-25 में रिकार्ड ₹22.08 लाख करोड़ की वसूली, 5 गुना हुआ कलेक्शन 

वर्ष 2017 में लागू हुई GST प्रणाली ने लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष कर, 13 उपकर (सेस) को मिलाकर एक पाँच-स्तरीय कर ढांचा बनाया।

Last Updated- June 30, 2025 | 4:14 PM IST
GST
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को लागू हुए आठ साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह ₹22.08 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है, जो कि अब तक का सर्वोच्च है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के ₹20.18 लाख करोड़ की तुलना में 9.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्शाता है।

पांच वर्षों में, यानी वित्त वर्ष 2020-21 के ₹11.37 लाख करोड़ से यह राशि दोगुनी हो गई है। इस दौरान जीएसटी संग्रह की औसत मासिक दर भी लगातार बढ़ती रही है —

  • वित्त वर्ष 2021-22: ₹95,000 करोड़ 
  • वित्त वर्ष 2022-23: ₹1.51 लाख करोड़ 
  • वित्त वर्ष 2023-24: ₹1.68 लाख करोड़ 
  • वित्त वर्ष 2024-25: ₹1.84 लाख करोड़ 

अप्रैल 2025 में अब तक की सबसे अधिक मासिक वसूली

एप्रिल 2025 में मासिक जीएसटी संग्रह ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया, जबकि मई 2025 में यह ₹2.01 लाख करोड़ रहा। जून 2025 के आंकड़े मंगलवार को जारी किए जाएंगे।

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सरकारी बयान के अनुसार, जीएसटी प्रणाली के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या वर्ष 2017 में 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इस बढ़ते कर आधार ने राजस्व संग्रहण को स्थायी रूप से मजबूत किया है।

वर्ष 2017 में लागू हुई जीएसटी प्रणाली ने लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष करों और 13 उपकरों (सेस) को मिलाकर एक पाँच-स्तरीय कर ढांचा बनाया। इससे कर प्रणाली में एकरूपता, पारदर्शिता और कुशलता आई है।

“GST से कर संग्रहण और कर आधार में उल्लेखनीय वृद्धि” – सरकार 

सरकारी बयान में कहा गया, “जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद से कर संग्रहण और कर आधार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसने भारत की राजकोषीय स्थिति को मजबूत किया है और अप्रत्यक्ष कराधान को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया है।”

जीएसटी के आठ वर्षों के इस सफर में भारत ने कर सुधार की दिशा में एक लंबी दूरी तय की है। बढ़ती हुई संग्रहण दर, विस्तृत कर आधार और सुसंगत कर ढांचे के साथ जीएसटी अब देश की राजस्व प्रणाली का एक अभिन्न और सशक्त हिस्सा बन चुका है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published - June 30, 2025 | 4:14 PM IST

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