Expanding Cities: भारत के प्रमुख शहरों का दायरा बढ़ रहा है। बीते वर्षों में इन शहरों में निर्मित क्षेत्र में तेजी से इजाफा हुआ है। बीते तीन दशक के दौरान इन शहरों में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर दोगुना हो गया है। भारत के शीर्ष 8 शहरों अहमदाबाद, बेंगलूरु, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई एमएमआर, पुणे शामिल हैं। ये शहर रियल एस्टेट के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद शामिल हैं।
ऑनलाइन रियल एस्टेट पोर्टल स्क्वायर यार्ड्स ने ‘सिटीज इन मोशन-ट्रेसिंग 30 इयर्स ऑफ अर्बन एक्सपेंशन इन की इंडियन सिटीज’ के नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के शीर्ष 8 शहरों में बीते 30 साल के दौरान शहरी निर्मित क्षेत्रफल लगभग दोगुना हो गया है। 1,995 से अब तक कुल 2,136 वर्ग किलोमीटर शहरी निर्मित क्षेत्रफल जोड़ा गया है, जिससे भारत के शीर्ष 8 शहरों में वर्तमान निर्मित क्षेत्रफल 4,308 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इस तरह 30 वर्षों में निर्मित क्षेत्रफल में 98 फीसदी इजाफा हुआ है।
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स्क्वायर यार्ड्स के सीईओ और संस्थापक तनुज शौरी ने कहा, “भारत अपने इतिहास के सबसे बड़े शहरी परिवर्तन की ओर कदम बढ़ा रहा है। दुनिया भर में शहर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 80 फीसदी से ज़्यादा हिस्से को संचालित करते हैं और भारत के लिए भी एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने का सफ़र इसके शहरी केंद्रों से होकर गुजरता है। 2050 तक भारत अपनी शहरी आबादी में 33 करोड़ से ज़्यादा लोगों को जोड़ लेगा, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की पूरी आबादी को अपने शहरी ढांचे में समाहित करने के बराबर है। हमें इस विस्तार के कारण करीब 10 करोड़ नए घरों का निर्माण करना होगा। साथ ही परिवहन, बुनियादी ढांचे और सेवाओं में भारी निवेश करना होगा। शीर्ष आठ शहरों में शहरी निर्मित क्षेत्रफल 1995 से 2025 में दोगुना हो गया है। जहां महानगरों का दबदबा बना हुआ है, वहीं असली उत्साह टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी है, जहां बेहतर बुनियादी ढांचे और पूंजी प्रवाह विकास की अगली लहर को शक्ति प्रदान कर रही है।”
दिल्ली एनसीआर: दिल्ली एनसीआर ने क्षेत्र के लिहाज से सबसे अधिक 400 वर्ग किलोमीटर निर्मित भूमि क्षेत्र को जोड़ा है। 30 साल पहले दिल्ली में निर्मित क्षेत्रफल 567 वर्ग किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 967 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो शहरों में सबसे बड़ा है। ऐसा इस क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक, तकनीकी और वित्तीय केंद्रों को जोड़ने वाली बड़े पैमाने की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वजह से हुआ है।
अहमदाबाद: अहमदाबाद का निर्मित क्षेत्रफल 102 फीसदी बढ़ा है, जो 1995 के 141 से बढ़कर 2025 में 285 वर्ग किलोमीटर हो गया है, यानी 144 वर्ग किमी की वृद्धि हुई। यह वृद्धि शहर के औद्योगिक आधार से वित्त, आईटी और ऑटोमोटिव क्षेत्रों को शामिल करते हुए आर्थिक विविधीकरण को दर्शाती है, जिसमें गिफ्ट सिटी जैसी दूरदर्शी परियोजनाएं प्रमुख प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य कर रही हैं।
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बेंगलूरु: बेंगलूरु का निर्मित क्षेत्रफल 186 फीसदी बढ़ा है, जो सभी शहरों में दूसरी सबसे ऊंची दर है। इसका क्षेत्रफल 174 वर्ग किमी से बढ़कर 489 वर्ग किमी हो गया है यानी 315 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। यह विस्तार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निरंतर वृद्धि और नम्मा मेट्रो जैसे रणनीतिक बुनियादी ढांचे में निवेश से प्रेरित है।
चेन्नई: चेन्नई के निर्मित क्षेत्रफल में 137 फीसदी वृद्धि हुई है। 30 साल के दौरान इस शहर का क्षेत्रफल 197 वर्ग किमी से बढ़कर 467 वर्ग किमी हो गया है। इसमें 270 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। शहर का विविध आर्थिक आधार, जिसमें इसका स्थापित ऑटोमोटिव क्षेत्र, बढ़ता आईटी उद्योग और एक प्रमुख चिकित्सा पर्यटन केंद्र शामिल है, ने इस शहरी विकास को गति दी है।
हैदराबाद: हैदराबाद का निर्मित क्षेत्रफल 267 से बढ़कर 519 वर्ग किलोमीटर हो गया। इस शहर के क्षेत्रफल में 95 फीसदी इजाफा हुआ है। इसकी वजह अनुकूल सरकारी नीतियों के कारण इस शहर के प्रौद्योगिकी और दवा उद्योगों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरना है।
कोलकाता: कोलकाता का निर्मित क्षेत्रफल 328 से 87 फीसदी बढ़कर 611 वर्ग किलोमीटर हो गया है। पूर्वी भारत के प्राथमिक आईटी केंद्र के रूप में शहर की भूमिका ने इस वृद्धि को गति दी है, जिसे नियोजित टाउनशिप के विकास और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के उन्नयन से और बल मिला है।
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मुंबई एमएमआर: मुंबई महानगर क्षेत्र यानी एमएमआर में शहरी निर्मित क्षेत्र का विस्तार सबसे कम हुआ है। 30 साल के दौरान इस इलाके का निर्मित क्षेत्रफल सबसे कम 43 फीसदी वृद्धि के साथ 412 से बढ़कर 588 वर्ग किलोमीटर हुआ है, जबकि यह भारत का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
पुणे: वृद्धि दर के लिहाज से पुणे में शहरी विस्तार की सबसे अधिक दर 332 फीसदी दर्ज की गई। 1995 में पुणे में शहरी निर्मित क्षेत्रफल महज 86 वर्ग किलोमीटर था, जो 2025 में 3 गुना से अधिक बढ़कर 373 वर्ग किलोमीटर हो गया। 287 वर्ग किलोमीटर निर्मित क्षेत्रफल की इस महत्वपूर्ण वृद्धि का श्रेय शहर के विनिर्माण केंद्र से आईटी और स्टार्ट-अप क्षेत्रों के लिए वैश्विक केंद्र में सफल परिवर्तन को दिया जाता है।
City | Current Built-up Footprint (sq.km.) – 2025 | Total Built-up Footprint Added between 1995–2025 (sq.km.) | Percentage Change 1995–2025 |
Ahmedabad | 285 | +144 | 102% |
Bengaluru | 498 | +324 | 186% |
Chennai | 467 | +270 | 137% |
Delhi NCR | 967 | +400 | 71% |
Hyderabad | 519 | +252 | 95% |
Kolkata | 611 | +283 | 87% |
Mumbai MMR | 588 | +176 | 43% |
Pune | 373 | +287 | 332% |
Top-8 Cities | 4,308 | +2,136 | 98% |