बिहार का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो की दो दिवसीय यात्रा के दौरान बार-बार किया गया। बिहार में इस साल नवंबर तक विधान सभा चुनाव होने हैं। यहां से प्रधानमंत्री शुक्रवार को ब्यूनस आयर्स के लिए रवाना हो गए, जो उनके पांच देशों के दौरे का तीसरा पड़ाव है।
प्रधानमंत्री अर्जेंटीना में दो दिन बिताने वाले हैं, 57 वर्षों में किसी मौजूदा भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है और यह भारत के लिए दुर्लभ खनिजों और ऊर्जा स्रोतों की तलाश के लिए महत्त्वपूर्ण है। वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को रियो डी जनेरियो पहुंचेंगे, जिसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए ब्रासीलिया का दौरा करेंगे।
शुक्रवार को पोर्ट ऑफ स्पेन में एक भारतीय डायस्पोरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘यहां मौजूद कई लोगों के पूर्वज बिहार से आए थे। बिहार की विरासत न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए भी गौरव है।’ उन्होंने कहा कि उनके त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के पूर्वज पूर्वी भारतीय राज्य बिहार से थे। मोदी ने कहा कि पीएम कमला ने राज्य का दौरा भी किया है और भारत में लोग उन्हें ‘बिहार की बेटी’ मानते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध के बारे में एक्स पोस्ट अंग्रेजी और भोजपुरी में था। भोजपुरी बिहार में व्यापक रूप से बोली जाती है और कैरेबियाई देश में भारतीय समुदाय द्वारा भी बोली जाती है। एक संगीत प्रदर्शन देखने के बाद उन्होंने कहा, ‘पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल का प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद और टोबैगो और भारत, विशेष रूप से पूर्वी यूपी और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच संबंध उल्लेखनीय है।’
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज से एक्स तस्वीरों पर भी पोस्ट किया, जिसमें सोहारी के पत्ते पर भोजन परोसा गया। उन्होंने कहा कि सोहारी का पत्ता त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व रखता है, खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए। सोहारी एक भोजपुरी शब्द है।
डायस्पोरा कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चाहे लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो… बिहार ने सदियों पहले दुनिया को कई ऐसे विषयों में एक नई दिशा दिखाई थी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नई प्रेरणाएं और नए अवसर 21वीं सदी की दुनिया के लिए बिहार की भूमि से उभरेंगे।’ मोदी की 1999 के बाद से त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो की किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पहली द्विपक्षीय यात्रा थी।
मोदी ने घोषणा की कि भारत गिरमिटिया समुदाय का एक व्यापक डेटाबेस बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो में हमारे भाइयों और बहनों के साथ भी गहरे और ऐतिहासिक संबंधों का समर्थन करेगा। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो में भारतीय डायस्पोरा की छठी पीढ़ी को ओसीआई (ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया) कार्ड जारी करने का हमारा निर्णय भारत के साथ उनके संबंध को मजबूत करेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारी साझा विरासत को संरक्षित करेगा।’
भारत और त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो के बीच संबंध 30 मई, 1845 से हैं, जब 225 भारतीय अनुबंधित श्रमिकों को ले जाने वाला पहला जहाज ‘फतेह रजाक’ त्रिनिदाद के तट पर पहुंचा, जो तब एक ब्रिटिश उपनिवेश था।