वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपनी शर्तों पर विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि रहेगा। उन्होंने यह बात अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क लगाए जाने के लिए निर्धारित समय-सीमा 9 जुलाई को खत्म होने से पहले कही है।
गोयल ने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘भारत विभिन्न देशों के साथ बातचीत कर रहा है जिनमें यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, अमेरिका, ओमान, चिली और पेरू शामिल हैं। मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) तभी संभव होगा जब दोनों देशों को फायदा हो। इसे दोनों पक्षों के लिए फायदे का समझौता होना चाहिए। यह तभी होगा जब भारत के हितों की रक्षा होगा क्योंकि राष्ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि रहेगा। अगर हमें अच्छा सौदा मिलेगा और हमारे हितों की रक्षा होगी तो भारत विकसित देशों के साथ समझौता करने के लिए तैयार है।’
डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26 फीसदी जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। मगर बातचीत का समय देने के लिए उसे 90 दिनों के लिए टाल दिया था। सभी देशों पर 10 फीसदी शुल्क को बरकरार रखा गया था। उसके बाद भारत और अमेरिका ने 9 जुलाई यानी 90 दिनों की समय सीमा से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौता यानी व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का पहला चरण पूरा करने का फैसला किया। अगर दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ तो भारत को 9 जुलाई के बाद अमेरिका से 26 फीसदी के जवाबी शुल्क का सामना करना पड़ेगा।
गोयल ने कहा कि भारत किसी समय-सीमा के आधार पर व्यापार समझौता नहीं करता है। मगर उन्होंने यह भी कहा, ‘समझौता राष्ट्रीय हित में होने पर ही हम उसे स्वीकार करते हैं।’
पिछले एक सप्ताह से दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दौर जारी रहा। मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में सरकार का व्यापार प्रतिनिधिमंडल एक अंतरिम समझौते को 9 जुलाई से पहले अंतिम रूप देने के लिए 27 जून से ही वाशिंगटन में था। विवाद के मुद्दों को सुलझाने के लिए उनका प्रवास गुरुवार तक बढ़ा दिया गया था।
Also Read: खाद्य शुल्क में कटौती: अमेरिकी बाजार तक पहुंच के लिए जोखिम भरा दांव
भारतीय पक्ष ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत के दौरान संवेदनशील कृषि क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख कड़ा कर लिया। इसके अलावा भारत सरकार ने बार-बार दोहराया है कि अमेरिका के साथ बातचीत में कृषि एवं डेरी प्रमुख लक्ष्मण रेखा हैं।
मुख्य वार्ताकार के नेतृत्व वाली टीम शुक्रवार को नई दिल्ली लौट आई, लेकिन भारत ने अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने का फिलहाल कोई संकेत नहीं दिया है। एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘बातचीत किसी भी तारीख पर निर्भर नहीं है। हमारे अपने हित हैं और हमें अपने हित के क्षेत्रों में अन्य प्रतिस्पर्धी देशों पर स्थायी तरजीह मिलनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो हमें सौदा करने में खुशी होगी।’
भारत चाहता है कि कपड़ा, चमड़ा और वाहन कलपुर्जा जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए कम शुल्क हो। इसके अलावा भारत जवाबी शुल्क को हटाने पर जोर दे रहा है। सूत्र ने यह भी कहा कि अमेरिका इस्पात पर अतिरिक्त शुल्क में कोई राहत देने के मूड में नहीं है।