facebookmetapixel
e-bike भारत में क्यों नहीं पकड़ पा रही रफ्तार? नीति आयोग ने बताई R&D और कीमत की असली वजहYear Ender 2025: ट्रंप के जवाबी शुल्क से हिला भारत, 2026 में विविध व्यापार रणनीति पर जोर छोटे राज्य बन गए GST कलेक्शन के नायक: ओडिशा और तेलंगाना ने पारंपरिक आर्थिक केंद्रों को दी चुनौतीYear Ender 2025: इस साल बड़ी तादाद में स्वतंत्र निदेशकों ने दिया इस्तीफा, जानें वजहेंGMP अनुपालन की चुनौती, एक चौथाई MSME दवा विनिर्माता ही मानकों पर खरा उतर पाएंगीतेजी के बाद नए साल में अमेरिका फोक्स्ड फंड्स का कम रह सकता है जलवासाल 2026 में क्या बरकरार रहेगी चांदी की चमक! एक्सपर्ट्स ने बताई आगे की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी 2025 में चमका सोना, लेकिन 2026 में निवेशक सावधान: रिटर्न के पीछे भागने से बचें और संतुलन बनाए रखेंYear Ender 2025: भयावह हादसों ने दिए गहरे जख्म, प्लेन क्रैश, आग, बाढ़ और भगदड़ ने खोली व्यवस्थाओं की कमजोरियांटाटा पावर का बड़ा लक्ष्य: 15% ऑपरेशन प्रॉफिट और मुंद्रा प्लांट जल्द फिर से शुरू होने की उम्मीद

भारत दो तिहाई  पाटेगा शुल्क अंतर!

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है। दोनों देशों के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार कुल 129 अरब डॉलर था।

Last Updated- May 09, 2025 | 11:03 PM IST
PM Modi and Trump

भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क के अंतर को हालिया 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने की पेशकश की है। इसके बदले भारत अमेरिका के राष्ट्रपित डॉनल्ड ट्रंप से ‘मौजूदा व संभावित’ शुल्क वृद्धि में छूट चाहता है। इस मामले के जानकार दो सूत्रों के मुताबिक दोनों देश जल्दी से संधि करने के लिए तेजी से आगे बढ़े हैं।

इसका अर्थ यह है कि भारत और अमेरिका के बीच औसत शुल्क अंतर को सभी उत्पादों पर व्यापार की मात्रा के बिना गणना की जाए तो इसमें 9 प्रतिशत अंक की गिरावट हो सकती है। यह विश्व की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था में व्यापार बाधाओं को कम करने के सबसे बड़े बदलावों में से एक है।

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है। दोनों देशों के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार कुल 129 अरब डॉलर था। अभी व्यापार अंतर भारत के पक्ष में है। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 45.7 अरब डॉलर था।  

ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन के साथ अपने ‘पहले समझौते’ की घोषणा की थी। इसमें अमेरिका सामानों पर ब्रिटेन ने शुल्कों में कटौती की थी। लेकिन उसने अमेरिका के ब्रिटेन पर लगाए गए 10 प्रतिशत आधार शुल्क को कायम रखा है। लिहाजा अमेरिका ने अपने अन्य व्यापार साझेदार देशों के लिए खाका तय कर दिया है।

ट्रंप ने बीते महीने वैश्विक व्यापारिक साझेदारों के साथ दीर्घकालिक योजना के तहत जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए लंबित कर दिया था। इस क्रम में भारत से व्यापारिक समझौतों पर बातचीत के कारण 26 प्रतिशत शुल्क को भी टाल दिया गया था। इस विलंब के दौरान भारत सहित अन्य देशों पर लागू 10 प्रतिशत आधार शुल्क कायम रहना है।

भारत सरकार के तीसरे अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन के बाद इस समझौते को अंतिम रूप देने वाले अगले दो अन्य देश भारत और जापान हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें देखना होगा कि कौन पहले लाइन को पार करेगा।’ इस मामले की जानकारी रखने वाले पहले दो अधिकारियों ने बताया, ‘भारत ने इस समझौते तक पहुंचने के लिए पहले चरण में शुल्क को 60 प्रतिशत कम करने की पेशकश की है और इस बारे में बातचीत जारी है।’ इन दो अधिकारियों में से एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामान पर शुल्क घटाने जाने सहित करीब 90 प्रतिशत सामानों पर वरीयता पहुंच देने की पेशकश की है। भारत के अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल इस महीने की शुरुआत में पहुंचने की उम्मीद है।

First Published - May 9, 2025 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट