facebookmetapixel
BYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: FitchIncome Tax Refund: टैक्स रिफंड अटका हुआ है? बैंक अकाउंट वैलिडेशन करना तो नहीं भूल गए! जानें क्या करें2 साल के हाई पर पहुंची बॉन्ड यील्ड, एक्सपर्ट ने बताया- किन बॉन्ड में बन रहा निवेश का मौकाCBIC ने दी चेतावनी, GST के फायदों की अफवाहों में न फंसे व्यापारी…वरना हो सकता है नुकसान‘Bullet’ के दीवानों के लिए खुशखबरी! Royal Enfield ने 350 cc बाइक की कीमतें घटाईUrban Company IPO: ₹1,900 करोड़ जुटाने के लिए खुला आईपीओ, लंबी अवधि के लिए निवेशक करें सब्सक्रिप्शनबर्नस्टीन ने स्टॉक पोर्टफोलियो में किया बड़ा फेरबदल: HDFC Bank समेत 5 नए जोड़े, 6 बड़े स्टॉक बाहर

US- China: हांगकांग पर चीन की US को चेतावनी; अमेरिकी MPs, Officials, NGO Chiefs पर लगाया प्रतिबंध 

मार्च में US ने न्याय सचिव पॉल लैम, सुरक्षा कार्यालय निदेशक डोंग जिंगवेई, पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ सहित 6 चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे। 

Last Updated- April 21, 2025 | 8:21 PM IST
US China Trade war
प्रतीकात्मक तस्वीर

चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि वह उन अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों और गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) के प्रमुखों पर प्रतिबंध लगाएगा जिन्होंने हांगकांग से जुड़े मामलों में “खराब भूमिका” निभाई है। यह फैसला अमेरिका द्वारा मार्च में छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में लिया गया है। अमेरिका ने इन अधिकारियों पर “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन” और हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने के आरोप लगाए थे। इनमें न्याय मंत्री पॉल लैम, सुरक्षा निदेशक डोंग जिंगवेई और पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ शामिल हैं। यह घोषणा चीन के विदेश मंत्रालय ने की है।

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इन अमेरिकी कदमों को “घृणित” बताते हुए कहा कि यह हांगकांग के मामलों में गंभीर हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हांगकांग, चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी बाहरी दखल का चीन सख्ती से जवाब देगा। गुओ ने बताया कि यह कार्रवाई चीन के ‘विदेश रोधी प्रतिबंध कानून’ के तहत की जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन अमेरिकी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। 

यह ताज़ा विवाद ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव जारी है। साथ ही, चीन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी है कि वे अमेरिका से ऐसे व्यापारिक समझौते न करें जो चीन के हितों के खिलाफ हों। हांगकांग में मानवाधिकारों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच प्रतिबंधों की यह नई श्रृंखला दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है। पहले से ही दोनों देश एक व्यापार युद्ध में उलझे हुए हैं, जिससे दोनों पक्षों के व्यापारिक जगत में अस्थिरता फैल रही है। सोमवार को बीजिंग ने अन्य देशों को भी अमेरिका के साथ ऐसे व्यापार समझौते करने के खिलाफ चेतावनी दी, जो चीन के हितों के खिलाफ हों।

मार्च में US ने लगाए थे चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध

मार्च में अमेरिका ने छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे, जिन पर आरोप था कि वे ट्रांसनेशनल दमन और हांगकांग की स्वायत्तता को और कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल थे। इन अधिकारियों में न्याय सचिव पॉल लैम, सुरक्षा कार्यालय निदेशक डोंग जिंगवेई और पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ शामिल हैं।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन इन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करता है और इन्हें “घिनौना” करार दिया। गुओ ने कहा, “अमेरिका ने हांगकांग के मामलों में गंभीर हस्तक्षेप किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।”

उन्होंने कहा कि चीन ने उन अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों और NGO नेताओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिन्होंने हांगकांग से जुड़े मामलों पर खराब प्रदर्शन किया है। यह कदम चीन के “विदेशी प्रतिबंधों का विरोध कानून” के तहत उठाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन व्यक्तियों को लक्षित किया जाएगा।

गुओ ने हांगकांग के मामलों पर अमेरिका को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी चीनी शहर हांगकांग के मामलों में अमेरिका का कोई हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है। यदि चीन सरकार को कोई कार्य अनुचित लगता है, तो वह उसके खिलाफ कड़े कदम और जवाबी कार्रवाई करेगी।

बाइडेन सरकार में भी लगे थे चीन पर प्रतिबंध

गौरतलब है कि मार्च में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंध पहले नहीं थे। हांगकांग, जो 1997 में ब्रिटिश शासन से चीन को सौंपा गया था, पर पहले भी अमेरिका ने कई बार प्रतिबंध लगाए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति काल में उनकी सरकार ने हांगकांग और चीनी अधिकारियों पर वहां की स्वायत्तता को कमजोर करने के आरोप में प्रतिबंध लगाए थे। 2021 में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने भी राजनीतिक स्वतंत्रता पर बीजिंग की कार्रवाई के चलते अधिक अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए।

2020 में चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था ताकि 2019 के बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोका जा सके। इसके बाद हांगकांग प्रशासन ने शहर के कई प्रमुख कार्यकर्ताओं पर मुकदमे चलाए। सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को उनके शीर्ष प्रबंधन की गिरफ्तारी के बाद बंद कर दिया गया। दर्जनों सिविल सोसाइटी समूहों को भंग कर दिया गया। पिछले दो वर्षों में, हांगकांग प्रशासन ने 19 प्रवासी कार्यकर्ताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, जिनमें से कई अमेरिका में रहते हैं। प्रत्येक की गिरफ्तारी की जानकारी देने वाले को 10 लाख हांगकांग डॉलर (लगभग 1.28 लाख अमेरिकी डॉलर) का इनाम घोषित किया गया है।

इस लंबे समय से जारी दमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की गई है, खासकर इसलिए क्योंकि 1997 में हांगकांग के चीन को हस्तांतरण के समय यह वादा किया गया था कि शहर की पश्चिमी शैली की नागरिक स्वतंत्रता और अर्ध-स्वायत्तता कम से कम 50 वर्षों तक बरकरार रखी जाएगी। हालांकि बीजिंग और हांगकांग सरकारों का कहना है कि यह कानून शहर की स्थिरता के लिए आवश्यक है।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

China का US पर पलटवार, अब अमेरिकी सामान पर चीन में लगेगा 84% टैक्स

China Parliament Session: आर्थिक मंदी, ट्रम्प की ट्रैरिफ धमकी से परेशान चीन सरकार, संसद में होगी चर्चा

Mankind Pharma का बड़ा दाव, चीन के साथ मिलकर 8 हजार करोड़ के धंधे पर नजर

 

First Published - April 21, 2025 | 8:21 PM IST

संबंधित पोस्ट