Veg and Non-Veg Thali Cost: प्याज और टमाटर की कीमतों में तेजी के कारण फरवरी में वेज थाली 7 फीसदी महंगी हो गई है। वहीं दूसरी तरफ पोल्ट्री की कीमतों में गिरावट के कारण नॉन-वेज थाली 9 फीसदी सस्ती हो गई। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (MI&A) रिसर्च की ‘राइस रोटी रेट’ रिपोर्ट के मुताबिक, वेज थाली की कीमत फरवरी में बढ़कर 27.5 रुपये प्रति प्लेट हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 25.6 रुपये थी। इसके विपरीत नॉन-वेज थाली की कीमत 9 फीसदी गिरकर 54 रुपये हो गई। हालांकि मासिक आधार पर वेज थाली की कीमत में 2 फीसदी की गिरावट आई है जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत 4 फीसदी बढ़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ”प्याज और टमाटर की कीमतों में सालाना आधार पर क्रमश: 29 फीसदी और 38 फीसदी की वृद्धि के कारण वेज थाली की लागत में वृद्धि हुई है।” सालाना आधार पर चावल और दाल की कीमतों में क्रमश: 12 फीसदी और 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि एक वेज थाली की कुल लागत में चावल की हिस्सेदारी 12 फीसदी और दाल की हिस्सेदारी 9 फीसदी होती है।
फरवरी में वेज थाली की कीमतों में 7 फीसदी की वृद्धि के बावजूद भी जनवरी की तुलना में यह सस्ती थी। पिछले महीने जनवरी में वेज थाली की कीमत 28 रुपये थी।
एक वेज थाली में आमतौर पर रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है। क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है।
मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है। डेटा से अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस सहित उन सामग्रियों का भी पता चलता है, जो थाली की कीमत में बदलाव लाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पोल्ट्री की कीमतों में गिरावट के कारण फरवरी में नॉन-वेज थाली 9 फीसदी सस्ती हो गई। फरवरी में नॉन-वेज थाली की कीमत 54 रुपये थी। एक साल पहले की समान अवधि में इसकी कीमत 59.2 रुपये थी।
ब्रॉयलर की कीमतों में 20 प्रतिशत की गिरावट के कारण सालाना आधार पर नॉन-वेज थाली की लागत में गिरावट आई। बता दें कि ब्रॉयलर की कीमतें एक नॉन-वेज थाली की कुल लागत का 50 फीसदी है। नॉन-वेज थाली के घटक वेज थाली के समान ही होते हैं, बस दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है।
सालाना आधार पर नॉन-वेज थाली सस्ती हुई है मगर पिछले महीने की तुलना में नॉन-वेज थाली अभी भी महंगी है। जनवरी में इसकी कीमत 52 रुपये थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण रमजान के पवित्र महीने से पहले आपूर्ति और उच्च मांग पर असर पड़ने के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसकी वजह से मासिक आधार पर नॉन-वेज थाली की कीमत 4 फीसदी बढ़ी है।