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FY24 की पहली दो तिमाही में UP सरकार को 92000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू में लक्ष्य का मुताबिक काम हो रहा है।

Last Updated- October 19, 2023 | 3:50 PM IST
UP CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश को चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 92000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल 2.62 लाख करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया है।

प्रदेश में राजस्व प्राप्ति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अधिकारियों को इसे बढ़ाने के लिए जरुरी दिशा-निर्देश दिए हैं। बैठक में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कर एवं करेतर राजस्व में लक्ष्य का मुताबिक काम हो रहा है। जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क, भू-राजस्व और ऊर्जा राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजित प्रयासों से इसमें सतत वृद्धि हो रही है। चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाही में जीएसटी एवं वैट से 52000 करोड़ रुपये, आबकारी कर के रूप में 20000 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क से 13000 करोड़ रुपये और परिवहन से 4700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। व्यापार कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते दो वर्षों के संग्रह को देखते हुए यह स्थिति अच्छी कही जा सकती है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजित प्रयासों से यहां मैन्युफैक्चरिंग की गतिविधियां भी बढ़ी हैं। प्रदेश को इसका लाभ मिलना चाहिए। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए स्रोत भी बनाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2.62 लाख करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के अनुरूप ठोस कोशिश की जाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहित कर चोरी व अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। छापेमारी की कार्यवाही से पहले पुख्ता जानकारी इकठ्ठा की जाए। इंटेलिजेंस को और बेहतर करने की आवश्यकता है। इंफोर्समेंट की कार्यवाही की गोपनीयता और शुचिता से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर, उनके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि खनन कार्य में संलग्न वाहनों में किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो। यह नियम विरुद्ध है। साथ ही बालू, मोरंग, गिट्टी जैसे उपखनिजों का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोत्तरी न हो। विभिन्न विकास परियोजनाएं भी इससे प्रभावित होती हैं। ऐसे में उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाए।

First Published - October 19, 2023 | 2:02 PM IST

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