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बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025: परिवहन एवं पर्यटन में निजी निवेश पर जोर; इलेक्ट्रिक बसें और होमस्टे प्रोजेक्ट्स पर फोकस

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम देश के उन चुनिंदा राज्य परिवहन निगमों में शामिल है जो पिछले दो वित्त वर्ष से मुनाफे में है

Last Updated- November 19, 2025 | 11:00 PM IST
Jaiveer Singh and Dayashankar Singh
बिज़नेस स्टैंडर्ड के 'समृद्धि' कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (बाएं) और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से विभिन्न पहलुओं पर हुई बातचीत। फोटो : बीएस

परिवहन और पर्यटन जैसे दो प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश एक नई कहानी गढ़ रहा है। राज्य अपने 54 बस डिपो के आधुनिकीकरण, 12,800 गांवों को नियमित बस सेवा से जोड़ने और इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े के साथ प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ ही निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने की को​शिश कर रहा है। राज्य में बड़े फाइव स्टार होटलों के साथ ही छोटे होमस्टे की स्थापना के लिए भी स​ब्सिडी बढ़ाई गई है। यह बात उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने आज बिज़नेस स्टैंडर्ड के समृद्धि कार्यक्रम में कही।

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक एके भट्टाचार्य से बातचीत में दोनों मंत्रियों ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की भावना की बुनियाद पर राज्य का परिवहन एवं पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह बदल रहा है।

परिवहन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1,540 नए मार्गों के लिए निविदाएं जारी की गई हैं और निजी क्षेत्र को इनमें सक्रियता से भाग लेने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘हमने एक विशेष व्यवस्था की है कि ड्राइवर, क्लीनर और कंडक्टर गंतव्य गांव या तहसील के ही हों ताकि उन्हें अगले दिन लंबी यात्रा न करनी पड़े।’ उत्तर प्रदेश परिवहन निगम देश के उन चुनिंदा राज्य परिवहन निगमों में शामिल है जो पिछले दो वित्त वर्ष से मुनाफे में है।

दयाशंकर सिंह ने कहा, ‘मेरी योजना यह है कि 2027 में मौजूदा कार्यकाल के समाप्त होने तक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास 10,000 करोड़ रुपये की सावधि जमा और दमदार वित्तीय स्थिति हो ताकि उसे कभी वित्तीय दबाव न झेलना पड़े।’ उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन निगम ने 82 स्क्रैप सेंटर स्थापित किए हैं, जहां अब तक 26,000 वाहनों को स्क्रैप किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में निजी क्षेत्र के साथ व्यवहार में एक बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने कार्यभार संभाला था तो सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की निविदाएं पांच बार रद्द की गई थीं। उनकी लागत 85 लाख रुपये से अधिक थी और उनमें निजी कंपनियों की कोई भागीदारी नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों की शिकायतों को समझने के लिए उनके साथ बैठक की गई तो पता चला कि निजी ट्रांसपोर्टरों की तीन प्रमुख समस्याएं हैं।

उन्होंने कहा, ‘तीन साल की पट्टा अवधि काफी कम थी, 2 फीसदी का किराया बहुत अ​धिक था और कोई कर्ज लेने की अनुमति नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि यह सब तुरंत बदल दिया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने 90 साल के पट्टे, 0.5 फीसदी किराया और कर्ज लेने की आजादी के वादे के साथ निजी कंपनियों को आमंत्रित करना शुरू किया।’

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के मामले में उत्तर प्रदेश की एक विशेष नीति है। इसके तहत 97 फीसदी लाभ निजी ऑपरेटरों को जाता है जबकि शेष 3 फीसदी लाभ राज्य को मिलता है। उन्होंने कहा कि इन बसों में कंडक्टर सरकारी कर्मचारी होता है।

दयाशंकर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 23,000 लोगों की मौत हो जाती है। इसे कम करने के लिए राज्य सरकार हर जिले में एक सड़क सुरक्षा आरटीओ स्थापित करने की योजना बना रही है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बिना उचित लाइसेंस के कोई भी वाहन उत्तर प्रदेश की सड़कों पर न चले।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे उपायों से संबं​धित एक सवाल के जवाब में कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था के कारण राज्य में रिकॉर्ड तादाद में पर्यटक आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आपको यह भी समझना चाहिए कि पर्यटन क्षेत्र में एक नौकरी इससे संबं​धित अन्य क्षेत्रों में 6 अन्य नौकरियां पैदा करती है।’

पर्यटन मंत्री ने कहा कि अगले 2 से 3 वर्षों में राज्य के कुल राजस्व में पर्यटन विभाग का योगदान सबसे अ​धिक होगा। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ को हाल में यूनेस्को द्वारा विशेष पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किए जाने के बाद सोनभद्र भी यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त स्थलों की सूची में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि जहां तक पर्यटन के अनुकूल नीतियों का सवाल है तो विभाग ने अन्य सभी राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के बाद एक ऐसी नीति तैयार की है जो सभी श्रे​णियों में निवेशकों के अनुकूल है।

जयवीर सिंह ने कहा, ‘इसलिए हम न केवल पांच सितारा होटल बल्कि छोटे होमस्टे बनाने के लिए भी 25 फीसदी सब्सिडी देते हैं। साथ ही भूमि पर पूंजीगत सब्सिडी और नए निवेशकों के लिए समयबद्ध अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी मुहैया कराते हैं। इससे निवेशकों को प्रोत्साहन मिलता है।’ उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ और अयोध्या कॉरिडोर के विकास से राज्य में धार्मिक पर्यटन में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसके अलावा राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन, और पर्यावरण संबंधी पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है।

First Published - November 19, 2025 | 10:56 PM IST

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