उत्तर प्रदेश में 23 सरकारी बस स्टेशनों का कायाकल्प निजी क्षेत्र की मदद से किया जाएगा। इनमें से 5 बस स्टेशनों के लिए निजी कंपनी का चयन किया जा चुका है जबकि 18 के लिए एक बार फिर से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।
इन बस स्टेशनों को निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर विकसित किया जाएगा। प्रदेश में अब सड़कों को निर्माण के साथ ही दोनो तरफ यूटिलिटी सर्विस के लिए डक्ट बनाए जाएंगे। सरकार ने वर्तमान सत्र के तबादला नीति को भी मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में विभिन्न विभागों को 22 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। इनमें से राज्य सड़क परिवहन निगम के 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाने के प्रस्ताव शामिल है।
मंत्रिपरिषद ने सड़क के दोनो ओर यूटिलिटी सर्विस के लिए डक्ट बनाने के प्रस्ताव को भी अनुमति दी है। इससे बार-बार केबिल, पाइप या अन्य सुविधाओं के लिए सड़क खोदे जाने से निजात मिलेगी। सड़क के किनारे पेयजल, सीवर, टेलीफोन के तार व ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने में आसानी होगी।
मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को छह निजी विश्वविद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इनमें केएम विश्वविद्यालय मथुरा, मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय फर्रुखाबाद, अग्रवन विश्वविद्यालय आगरा, एसडीजीआई ग्लोबल गाजियाबाद, विद्या विश्वविद्यालय मेरठ और महावीर यूनिवर्सिटी मेरठ शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाई रोजगार प्रोत्साहन नीति 2019 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिली है। इसके तहत रक्षा गलियारे में लगने वाली इकाइयों को और भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रदेश में केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक खरीफ सीजन 2023 से लेकर रबी 2025-26 तक के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लागू किए जाने को मंजूरी दे दी गयी है।
एक अन्य फैसले में उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने वर्तमान सत्र के लिए तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले 30 जून तक के जा सकेंगे। मुख्यमंत्री के आदेशों से इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकेगा। समूह क व ख के अधिकतम 20 फीसदी और समूह ग व घ के अधिकतम 10 फीसदी कर्मचारियों का ही स्थानांतरण किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार की ओर से घोषित प्रदेश के आठ आकांक्षी जिलों श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र व चंदौली के साथ ही बुंदेलखंड के सातों जिलों में सभी पदों को भरा जाना अनिवार्य होगा।