उत्तर प्रदेश में महाकुंभ का आयोजन आध्यात्मिक परंपरा और आर्थिक परिदृश्य के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दुष्प्रचार पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि श्रद्धालु बिना किसी भेदभाव के एक घाट पर स्नान कर रहे, यही सबसे बड़ी एकात्मता और एकता का संदेश है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा महाकुंभ में एक जाति विशेष को वहां जाने से रोकने की बात कही गई जबकि किसी जाति को रोका नहीं गया था। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जो सद्भावना से जाएगा उसका स्वागत है। वह सम्मान से कुंभ में आ सकते हैं, लेकिन जो सद्भावना से नहीं दुर्भावना से जाएगा तो उसके दुर्गति भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ में अगर किसी ने अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास किया। उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया।
योगी ने कहा कि गत वर्ष अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ। उसको भी पूरी दुनिया ने देखा। पूरी दुनिया अयोध्या के प्रति लालायित थी। इस वर्ष महाकुंभ के आयोजन के साथ हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। वहीं महाकुंभ के साथ-साथ अयोध्या और काशी को नजदीक से देखने का अवसर आमजन को प्राप्त हुआ है। यही एक भारत श्रेष्ठ भारत को दर्शाता है। यह भारत की आध्यात्मिक परंपरा और आर्थिकी के लिए महत्वपूर्ण आयोजन होने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि हमने समाजवादी पार्टी की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया। उनके समय में मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं थी कि वे उस आयोजन को देख सकें, उसकी समीक्षा कर सकें। यही वजह है कि उन्होंने एक नॉन सनातनी को कुम्भ का प्रभारी बनाया था, लेकिन यहां मैं स्वयं इसकी समीक्षा लगातार कर रहा था और लगातार कर रहा हूं। यही वजह है कि 2013 के कुंभ में जो भी गया, उसे अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और प्रदूषण देखने को मिला। वहीं इस बार देश और दुनिया को कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो महाकुंभ में शामिल न हुआ हो और लगातार आ रहे हैं।
योगी ने आगे कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, भूटान के नरेश समेत दुनिया के तमाम देशों से जुड़े 74 देशों के हेड ऑफ कमीशन भी महाकुंभ में शामिल हुए। सभी ने आयोजन में भागीदार बन करके महाकुम्भ को सफल बनाया। पहली बार उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम से लोग आयोजन का हिस्सा बने। इस आयोजन में 74 देशों के राजनयिक और कई देशों के मंत्री शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वामपंथी, सेकुलर स्कॉलर महाकुंभ की भव्यता पर उल्टी करते नजर आए हैं। हर बार उनकी कोशिश महाकुंभ को बदनाम करने और फेल करने की रही है, लेकिन ऐसे तमाम लोगों की मनसा को दरकिनार करते हुए करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ के दौरान दुखद हादसा हुआ। इसके बाद भी आस्था और विश्वास तमाम परेशानियों पर भारी पड़ी। सीएम योगी ने कहा कि किसी ने सच कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला है। महाकुंभ में गिद्धों को केवल लाश मिली है, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ सुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को व्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली और भक्तों को भगवान मिले।
इससे पहले सोमवार को विधानसभा में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन में धरना दिया। हालांकि बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने के निर्देश दिए। मंगलवार से वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर चर्चा की शुरुआत होगी।