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कैसे ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश की महिलाएं हर महीने ₹70000 तक कमा रही हैं?

परियोजना से जुड़कर उत्तर प्रदेश की सैकड़ों महिलाएं न केवल अपने पैरों पर खड़ी हैं बल्कि 60000 से 70000 रूपये तक की मासिक आय अर्जित कर रही हैं।

Last Updated- March 07, 2025 | 3:45 PM IST
Drones
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना नमो ड्रोन दीदी उत्तर प्रदेश में महिलाओं के बीच खासी लोकप्रिय होने के साथ ग्रामीण इलाकों में बेहतर आजीविका का जरिया भी बन रही है।

परियोजना से जुड़कर उत्तर प्रदेश की सैकड़ों महिलाएं न केवल अपने पैरों पर खड़ी हैं बल्कि 60000 से 70000 रूपये तक की मासिक आय अर्जित कर रही हैं। पीएम मोदी की इस योजना के तहत ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण ले चुकीं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की महिला देवकी राजपूत का कहना है कि पहले वे एक स्कूल टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पाईं। हालांकि, मारुत ड्रोन अकादमी में 17 दिनों का कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद, देवकी अब एक कुशल ड्रोन चालक बन गई हैं और उन्होंने ड्रोन तकनीक को एक नए पेशे के रूप में अपनाया है।

उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम सशक्त नारी, विकसित भारत में ड्रोन उड़ाने का सम्मान भी मिला। प्रदेश में अब तक 80 से अधिक महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दे चुकी मारुत ड्रोन की योजना अब 2026 तक 300 और महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देने की है।

इसी तरह वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक के गोपालपुर गांव की एक ड्रोन दीदी अनीता पटेल ने अपनी मास्टर डिग्री और बी.एड की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्कूल टीचर के तौर पर काम करने की योजना बनाई थी। हालांकि, जब उनके पति बीमार पड़ गए, तो उन्होंने अपनी खेती की ज़िम्मेदारी संभाली। मारुत ड्रोन अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, अनीता खेती में सहायता के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करना जारी रखती हैं। वह स्थानीय किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने वाली एक सफ़ल उद्यमी बन गई हैं।

वाराणसी के ही काशी विद्यापीठ ब्लॉक के बिस्नुपुर की उर्मिला देवी अपने खेत में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करती हैं। वह बताती हैं, “ड्रोन का इस्तेमाल करके एक एकड़ ज़मीन पर कीटनाशक का छिड़काव करने में सिर्फ़ 7-8 मिनट लगते हैं। मैं एक दिन में आसानी से 20-25 एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव कर सकती हूँ और हर महीने औसतन 75,000 रुपए कमा सकती हूं।”

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दे रही मारुत ड्रोन के सीईओ और सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावत के मुताबिक उनका  लक्ष्य 2026 तक 300 और महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे अपनी कौशल क्षमता का उपयोग कर सामाजिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन जी सकें।

First Published - March 7, 2025 | 3:41 PM IST

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