Republic Day 2025: भारत आज (रविवार) अपना 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर हर साल की तरह इसबार भी भव्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय रक्षाबलों ने अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। इस परेड में विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें और अलग-अलग तरह के स्वदेशी हथियारों को शामिल किया गया था। बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
पहली बार तीनों भारतीय रक्षाबलों ने एक संयुक्त झांकी (tri-services tableau) का प्रदर्शन किया। यह सशस्त्र बलों की “एकजुटता” की भावना को दर्शाता है। इसमें युद्ध के मैदान का दृश्य दिखाया गया, जिसमें जमीन, पानी और हवा में एक साथ ऑपरेशन को दिखाया गया। इसमें स्वदेशी अर्जुन बैटल टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर शामिल थे।
संयुक्त सेना की झांकी का थीम था “सशक्त और सुरक्षित भारत” (strong and secure India)। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सलामी लेने के साथ हुई। मुर्मू और प्रबोवो सुबियांतो, भारतीय राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के साथ “पारंपरिक बग्गी” में कर्तव्य पथ पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, देश की शीर्ष सैन्य अधिकारी, विदेशी राजनयिक और वरिष्ठ अधिकारी कर्तव्य पथ के दोनों ओर दर्शकों के बीच उपस्थित थे।
परेड की अगुवाई सेना की पहली टुकड़ी 61 कैवेलरी ने की, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट आहान कुमार ने किया। 1953 में स्थापित 61 कैवेलरी दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है। इसके बाद नौ मैकेनाइज्ड कॉलम और नौ मार्चिंग टुकड़ियां आईं।
प्रदर्शनी में टैंक T-90 भीष्म, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ऑल-टेरेन वाहन (Chetak) शामिल थे।
लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल बजरंग, व्हीकल-माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम एयरावत, क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल्स नंदिघोष और त्रिपुरांतक और शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम ने भी परेड में हिस्सा लिया। भारतीय सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल्स कोर शामिल थीं। भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आहूवालिया ने किया। लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र ने प्लाटून कमांडर के रूप में हिस्सा लिया।
इसके बाद नौसेना की झांकी आई, जिसमें “आत्मनिर्भर” नौसेना को प्रदर्शित किया गया। इस झांकी में स्वदेशी फ्रंटलाइन अत्याधुनिक युद्धपोत, जैसे विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरी और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर को दिखाया गया, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत की तेजी से प्रगति को उजागर करता है।
भारतीय वायु सेना (IAF) की टुकड़ी में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे, जिसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती ने किया। इसके बाद तीन मिग-29 विमानों ने “बाज फॉर्मेशन” में फ्लाई-पास्ट किया। परेड की एक और मुख्य विशेषता “विकसित भारत की ओर सदैव अग्रसर” थीम पर आधारित वेटरन्स की झांकी थी, जो पूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति अडिग भावना को समर्पित थी। कई ऐसे पूर्व सैनिक, जिन्होंने खेलों में भारत को गौरव दिलाया, इस परेड का हिस्सा बने।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने अपनी झांकी में कई स्वदेशी विकसित तकनीकों और प्रणालियों का प्रदर्शन किया। DRDO की झांकी का थीम “रक्षा कवच – बहु-आयामी खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा” था। इसमें क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52-कैलिबर उन्नत टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम और ड्रोन डिटेक्ट, डिटर और डेस्ट्रॉय सिस्टम शामिल थे।
इसके अलावा, इसमें सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मीडियम पावर रडार अरुध्र, उन्नत हल्के टॉरपीडो, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम धाराशक्ति, लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन, वेरी-शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम और अनमैन्ड एरियल सिस्टम को भी दिखाया गया। पहली बार, स्वदेशी रूप से विकसित प्रलय मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।
परेड में इंडोनेशिया के 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने भी हिस्सा लिया। यह पहली बार था कि इंडोनेशिया की किसी मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने किसी विदेशी राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग लिया। परेड में 148 सदस्यीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की ऑल-वूमन मार्चिंग टुकड़ी भी शामिल थी, जिसका नेतृत्व असिस्टेंट कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम ने किया। असम राइफल्स की टुकड़ी की अगुवाई 29 असम राइफल्स के कैप्टन करणवीर सिंह कुम्भावत ने की। इसमें पूरे देश से भर्ती हुए सैनिक शामिल थे। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की ऊंट टुकड़ी की कमान डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खीची के हाथों में थी।
नेशनल कैडेट कोर (NCC) की ऑल-गर्ल्स मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर एकता कुमारी ने किया। ऑल-बॉयज मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व महाराष्ट्र निदेशालय के सीनियर अंडर ऑफिसर प्रसाद प्रकाश वैकुल ने किया। नेशनल सर्विस स्कीम (NSS) की 148 वॉलंटियर्स वाली मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व पंजाब के दीपक ने किया।