चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने कई बड़े फैसले कर डाले। महाराष्ट्र कैबिनेट ने मुंबई उपनगरीय रेलवे के आठ रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। वहीं अहमदनगर जिले का नाम अहिल्या देवी नगर रख दिया गया है। इससे पहले औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखा गया था। इसके साथ ही मंत्रालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नेम प्लेट भी बदल दिया गया।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आज महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई। दो दिन पहले भी महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई थी। सोमवार की बैठक में 33 फैसलों की झड़ी के बाद आज बुधवार की बैठक में 26 फैसले लिए गए। तीन दिनों में हुई दो कैबिनेट बैठकों में कुल 59 फैसले लिए गए। फैसलों में अहमदनगर शहर का नाम बदलना, पुणे जिले के वेल्हे तालुका का नाम राजगढ़ करना, मुंबई में आठ रेलवे स्टेशनों को ब्रिटिश नामों में बदलना, उत्तान से विरार सी लिंक को मंजूरी देना शामिल है। दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन सरकार ने कई सालों से रुकी हुई परियोजनाओं और प्रस्तावों को शुरू करने का प्रयास किया है।
मुंबई रेलवे स्टेशनों को अंग्रेजों की ओर से दिए गए नाम अब इतिहास में दर्ज हो जाएंगे। उपनगरीय रेलवे स्टेशनों के नाम अंग्रेजों के दिये हुए नाम से नहीं बल्कि स्थानीय नामों पर रखने का प्रस्ताव पास किया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई उपनगरीय रेलवे पर आठ रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। रेलवे स्टेशनों के नए नाम केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी के बाद लागू होंगे।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने 8 मुंबई रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है, जो ब्रिटिश काल के नाम थे। करी रोड स्टेशन का नाम लालबाग, मरीन लाइंस स्टेशन का नाम मुंबई की कुल देवी मुंबा देवी, चर्नी रोड को गिरगांव, कॉटन ग्रीन को कालाचौकी, डॉकयार्ड रोक को मझगांव और किंग्ज सर्कल स्टेशन का नाम तीर्थंकर पार्श्वनाथ करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य सचिवालय में अपने कार्यालय के बाहर एक नई नेम प्लेट लगाई है। इस नेम प्लेट में उन्होंने अपने पिता से पहले मां का नाम लिखवाया है। उनकी नई नेम प्लेट में एकनाथ गंगुबाई संभाजी शिंदे लिखा है। यह कदम राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के बाद उठाया। इस फैसले के अनुसार एक मार्च 2024 और उसके बाद जन्म लेने वाले बच्चों के लिए आधार और पैन कार्ड में उनकी मां का नाम शामिल करना अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया कि राज्य मंत्रिमंडल ने आधिकारिक दस्तावेजों में मां का नाम शामिल करने के महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे के एतिहासिक प्रस्ताव को लागू करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने खुद इसे लागू करके इसकी शुरुआत करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री की तरह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने भी अपने दफ्तर के बाहर नेम प्लेट में बदलाव कर अपनी मां के नाम को प्रदर्शित किया है। फडणवीस के नेम प्लेट में देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस और अजित पवार का नेम प्लेट अजित आशाताई अनंनतराव पवार लिखा गया है।